कच्चा तेल का भाव 92 डॉलर के पार पहुंचा, इस माह 6 में फीसदी बढ़ा 

मुंबई- लीबिया के उत्पादन और ओपेक सहित अन्य देशों की ओर से कटौती को लेकर आपूर्ति संबंधी चिंताओं के बीच कच्चे तेल की कीमतें 92.14 डॉलर पर पहुंच गईं। यह 10 महीने का शीर्ष स्तर है। इस माह इसमें छह फीसदी की तेजी आई है। ओपेक और अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) ने वैश्विक तेल भंडार में गिरावट का अनुमान लगाया है। इससे भविष्य में आपूर्ति को लेकर चिंता बढ़ गई है। 

भारी तूफान के कारण ओपेक सदस्य लीबिया ने अपने चार पूर्वी तेल निर्यात टर्मिनल को बंद कर दिया है। इससे आपूर्ति पर असर पड़ा है। साथ ही चीन में कमजोर मांग को लेकर बनी हुई चिंताओं का भी दबाव बढ़ रहा है। 

ओपेक 2023 और 2024 में वैश्विक तेल मांग में मजबूत वृद्धि के अपने पूर्वानुमानों पर अभी भी अडिग है। इसने संकेत दिया है कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं उच्च ब्याज दरों और बढ़ी हुई महंगाई जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। ईआईए ने कहा कि वैश्विक तेल का भंडार दूसरी छमाही में करीब 5 लाख बैरल प्रतिदिन गिर सकता है। इससे चौथी तिमाही में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 93 डॉलर के पार जा सकती हैं।

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