जनवरी से अपैरल, चप्पल और जूते होंगे महंगे, बढ़ेगा GST का रेट
मुंबई- जनवरी से अपैरल और जूते चप्पल पर ज्यादा टैक्स लगाए जाएंगे। जिससे यह सभी महंगे हो जाएंगे। वस्तु एवं सेवाकर (GST) को लागू हुए अगले साल जुलाई में पांच साल पूरे हो जाएंगे। इस अवसर पर इस सिंगल टैक्स में बड़े बदलाव करने की तैयारी है। अभी चार स्लैब इसमें हैं। इसे घटाकर तीन स्लैब करने की योजना है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने विभिन्न तरह के टेक्सटाइल, अपैरल और फुटवियर की GST दर को पहले के 5% से बढ़ाकर 12% करने की अधिसूचना जारी की है। इसे 1 जनवरी, 2022 से लागू किया जाएगा। अगले साल जुलाई के बाद GST के लिए राज्यों को मिलने वाला मुआवजा खत्म होना तय है। इसमें टैक्स स्लैब के पुनर्गठन और छूट को कम करने पर 1 जुलाई, 2017 को लागू किए गए सिंगल टैक्स के सबसे बड़े बदलाव पर विचार किया जा सकता है।
नई व्यवस्था में टैक्स की दरें 12%, 18% और 28% हो सकती हैं। अभी जो चार दरें हैं, उनमें एक रेट 5% का भी है। पिछली GST काउंसिल की बैठक में रेवेन्यू के विभिन्न पहलुओं पर एक प्रजेंटेशन दिया गया था। अब यह राज्यों को देखना है कि वे जुलाई के बाद की स्थिति से कैसे निपटना चाहते हैं। केंद्र सरकार 5 साल के लिए GST के कारण रेवेन्यू के नुकसान के लिए राज्यों को मुआवजा देती है। यह नियम अगले साल समाप्त हो रहा है। मुआवजे की यह व्यवस्था समाप्त होने के बाद राज्यों को अपने रेवेन्यू में भारी गिरावट की चिंता होना तय है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संकेत दिया था कि जुलाई 2017 में GST लागू होने के बाद से टैक्स रेट में कई दफा हुए में कटौती के कारण प्रभावी टैक्स रेट 15.5% के ओरिजिनल रेट से “जानबूझकर या अनजाने में” 11.6% हो गए थे। फ़िलहाल मौजूद विकल्पों में सामानों और सेवाओं दोनों की लिस्ट में कटौती करना शामिल है, जो वर्तमान में टैक्स फ्री हैं।
चार प्रमुख स्लैब के अलावा, ज्वेलरी और कीमती मेटल्स पर क्रमशः 0.25% और 3% टैक्स लागू होता है। इसके अलावा ऑटोमोबाइल की चुनिंदा सामानों पर टॉप-अप मुआवजा सेस लगाया जाता है। कई सामान्य उपयोग की वस्तुओं को GST से छूट दी गई है। 150 सामानों और 80 से अधिक सेवाओं पर GST नहीं लगाया जाता है। हाल के महीनों में GST कलेक्शन बढ़ने के साथ, यह महसूस किया गया है कि इसमें एक और सुधार पर विचार किया जा सकता है। इस बारे में मंत्रियों का समूह आज बैठक कर GST काउंसिल की अंतिम सिफारिशों पर चर्चा करेगा।