विदेशी निवेशकों के बीच एचडीएफसी बैंक की घटनाओं का जा रहा है गलत संदेश, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर एडीआर 2.8 प्रतिशत गिरा
मुंबई– देश में निजी क्षेत्र के बड़े बैंक एचडीएफसी के लिए इस समय तनाव की स्थिति है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान एमएस धोनी के प्रसिद्ध हेलीकॉप्टर शॉट की तरह एचडीएफसी बैंक भी तनाव के समय जबरदस्त प्रदर्शन देने में कामयाब रहा है। हालांकि इस बार परिस्थितियाँ अलग हैं औऱ बैंक को अपनी साख बचाने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ सकता है। विदेशी निवेशकों के बीच बैंक के बारे में गलत संदेश जा रहा है। साथ ही कल न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) पर बैंक का एडीआर 2.83 प्रतिशत गिर गया।
दरअसल बैंक के व्हीकल फाइनेंस के बारे में किया जा रहा दुष्प्रचार और क्रेडिट ब्यूरो को सही समय पर सूचनाएं शेयर न करने की देरी से अब इस बैंक को किसी मुकदमे का भी सामना करना पड़ सकता है। अमेरिका स्थित रोसेन लॉ फर्म और शैल लॉ फर्म ने एचडीएफसी बैंक के खिलाफ सिक्योरिटीज धोखाधड़ी का मुकदमा बनाने के लिए अलग से जांच की घोषणा की है। इसमें तर्क दिया गया है कि बैंक ने निवेशकों को गुमराह किया है।
रोसेन लॉ द्वारा हाईलाइट किए गए दो मुद्दों पर एचडीएफसी बैंक के व्हीकल लोन वर्टिकल में अनुचित लोन प्रैक्टिस और क्रेडिट ब्यूरो एक्सपीरियन पीएलसी के साथ जानकारी साझा करने में देरी के कारण गिनाए गए हैं। इस तरह की कार्रवाई से निवेशकों का विश्वास कमजोर होता है। इस तरह के किसी संभावित मुकदमे के कारण एनवाईएसई पर लिस्टेड एचडीएफसी बैंक के अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट (एडीआर) में 2.8% प्रतिशत की गिरावट आई है। इससे विदेशी निवेशकों के बीच अच्छा संदेश नहीं गया है।
घरेलू बाजारों के साथ बैंक की कहानी हालांकि अलग है। एचडीएफसी बैंक के शेयर यहां स्थिर हैं। विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय कंपनियों के खिलाफ पिछले मुकदमों का कोई कठोर निगेटिव परिणाम नहीं देखा गया है। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। एक विश्लेषक ने कहा कि मुकदमे हमेशा एक सजा के साथ खत्म नहीं होते हैं। उनमें से कुछ रुपए पैसे के सेटलमेंट में खत्म होते हैं। एचडीएफसी बैंक ने एक बयान में कहा है कि प्रथम दृष्टया मुकदमा छोटा है। हालांकि वह इसकी जांच कर रहा है।
निवेशकों द्वारा अब रोसेन कानून के कदम की अनदेखी करना पूरी तरह से गलत नहीं होगा। इंफोसिस के खिलाफ इसी दो फर्म में से एक फर्म ने पहले मुकदमा दायर किया था। जिसे खारिज कर दिया गया है। दरअसल कंपनी को एक व्हिसलब्लोअर मामले पर सिक्योरिटीज एक्सचेंज कमीशन से क्लीन चिट मिल गई थी। बैंक का यह कहना है कि उसने व्हीकल फाइनेंस यूनिट में खामियों को लेकर कदम उठाया था। बैंक की एजीएम में एमडी आदित्य पुरी ने शेयर धारकों को यह भरोसा दिलाया था कि आंतरिक जांच में कुछ कर्मचारी व्हीकल यूनिट फाइनेंस के मामले में दोषी पाए गए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।