जियो के एकाधिकार को रोक सकती है सरकार, वोडाफोन और एयरटेल को होगा फायदा
मुंबई- टेलीकॉम सेक्टर में सरकार जियो के एकाधिकार को रोक सकती है। इसके लिए सरकार वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) को चुकाने का समय 20 साल तक बढ़ा सकती है।वोडाफोन को अप्रैल-जून तिमाही में 7,300 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
कंपनी का शेयर पिछले 15 दिनों में 40% से ज्याटा टूट चुका है। इस साल जनवरी में इस शेयर का भाव 13.80 रुपए पर था। यह फिलहाल 7 रुपए से नीचे कारोबार कर रहा है। सरकार का जो बकाया वोडाफोन आइडिया पर है, उसमें 96,300 करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम का पेमेंट है। 50,000 करोड़ रुपए का AGR है। इसके अलावा बैंकों का 23,100 करोड़ रुपए बकाया है। हजारों करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भी है।
वोडाफोन आइडिया पर 1.92 लाख करोड़ रुपए की देनदारी है। 58,254 करोड़ रुपए के AGR में से कंपनी ने 7,854 करोड़ रुपए चुका दिया है। इसकी अगली किस्त मार्च 2022 में देना है। यह किस्त 9,000 करोड़ रुपए की होगी।
वोडाफोन आइडिया के MD रविंदर टक्कर और अन्य अधिकारियों ने टेलीकॉम सेक्रेटरी अंशू प्रकाश से पिछले हफ्ते मुलाकात की है। सरकार टेलीकॉम सेक्टर को राहत पैकेज दे सकती है। इसका सीधा फायदा वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को हो सकता है। टेलीकॉम विभाग ने वोडाफोन आइडिया से कहा है कि वह राहत पैकेज मिलने के बाद का ब्यौरा दे कि कैसे आगे कंपनी चलेगी।
एयरटेल पर AGR का 43,980 करोड़ रुपए बाकी है। इसने 18 हजार करोड़ रुपए चुकाया है। इसे मार्च 2022 में 4,500 करोड़ रुपए की किस्त देना होगा। AGR का पैसा देने के लिए सुप्रीमकोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को 10 साल का समय दिया है। सरकार अब उसे बढ़ाकर 20 साल कर सकती है।
सरकार इस मामले में कानूनी सलाह भी लेगी कि वह 20 साल का समय कर सकती है या नहीं। क्योंकि 10 साल वाला समय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। यह समय मार्च 2031 तक पूरा होगा। कैबिनेट ने पहले ही 20 साल का समय मंजूर किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे नहीं माना। वोडाफोन आइडिया को पैसा जुटाना होगा। साथ ही टैरिफ बढ़ाना होगा और सरकार को राहत देना होगा। इसके बिना कंपनी का चलना मुश्किल है।
वोडाफोन पिछले साल से 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है। पर उसे कोई निवेशक नहीं मिल रहा है। मई में वोडाफोन आइडिया के 42.80 लाख ग्राहक घटे थे जबकि जून में 42.90 लाख ग्राहक घट गए थे। फिलहाल इसके 27 करोड़ से कम ग्राहक हैं। मई में एयरटेल के 46.10 लाख ग्राहक तो घटे, पर जून में इसके ग्राहकों की संख्या 38.1 लाख बढ़ गई थी।
वोडाफोन को लगातार झटका लग रहा है। इसके ग्राहक घट कर 26.8 करोड़ पर आ गए हैं। 2018 में इसके 40 करोड़ ग्राहक थे। यानी 3 सालों में इसके 13.20 करोड़ ग्राहक घट गए हैं। अप्रैल से जून की तिमाही में इसकी प्रति ग्राहक कमाई घट कर 105 रुपए हो गई है। वोडाफोन को बने रहने के लिए प्रति ग्राहक 200 रुपए की कमाई करनी होगी।