एचडीएफसी का अब 41 लाख करोड़ रुपये का होगा कारोबार, लाभ 60 हजार करोड़
मुंबई-एचडीएफसी लि. का विलय इसके ही बैंक में अमल में आ गया है। अब एचडीएफसी बैंक अपनी रीब्रांडिंग कर रहा है। यह एचडीएफसी लि की करीब 500 शाखाओं पर अपने लोगो के साथ उसे अपना रहा है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से यह दुनिया में चौथा बैंक है, जिसका मूल्य 14.70 लाख करोड़ रुपये है। 4 अप्रैल 2022 को एचडीएफसी बैंक ने इस विलय के लिए सहमति दी थी।
एचडीएफसी लि का वजूद अब समाप्त हो गया है। यह एचडीएफसी बैंक में मिल गई है। शुक्रवार की देर रात एचडीएफसी लि के मुख्यालय दक्षिणी मुंबई के रेमन हाउस से उसका बैनर हटाकर रात में ही एचडीएफसी बैंक का बैनर लगा दिया गया। यह वही मुख्यालय है, जहां चार दशकों से इसके चेयरमैन दीपक पारेख बैठते थे। एचडीएफसी लि ने अपना पहला होम लोन डीबी रेमीडियस को दिया था। 10.50 फीसदी के ब्याज दर से 30,000 रुपये का यह कर्ज था।
46 साल की सेवा के बाद दीपक पारेख अब सेवानिवृत्त हो गए हैँ। उन्होंने मैनहट्टन में बैंक की नौकरी छोड़कर 1978 में 34 साल की उम्र में एचडीएफसी लि को संभाला था। 1977 में दीपक के चाचा हसमुख पारेख ने इसकी स्थापना की थी। एचडीएफसी ने ही देश में सबसे पहले होम लोन की शुरुआत की थी। एचडीएफसी लि. की शुरुआत होम लोन देने वाली नॉन बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनी के तौर पर हुई थी। 1990 के दशक में जब आरबीआई ने बैंकिंग सिस्टम विस्तार के लिए लाइसेंस देना शुरू किया तो एचडीएफसी ने भी लाइसेंस के लिए आवेदन किया। 1994 में एचडीएफसी को बैंक के तौर पर लाइसेंस मिल गया।
एचडीएफसी बैंक अभी 18.70 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ चौथे स्थान पर है। लेकिन यह बहुत जल्द दूसरे स्थान पर आ सकता है। इसके और बाकी जो दो बैंक हैं,उनके बीच में महज कुछ हजार करोड़ रुपये का अंतर है। ऐसे में आने वाले समय में भारतीय बाजार की तेजी के कारण यह दूसरे स्थान पर आ सकता है। पिछले हफ्ते विलय के बाद से दोनों कंपनियों के शेयरों में अच्छी खासी तेजी देखी गई है। भारतीय बैंकों की बात करें तो आईसीआईसीआई और एसबीआई इसके आधे के भी बराबर नहीं हैं।
एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक शशिधर जगदीशन ने शनिवार को एचडीएफसी लि के 4000 कर्मचारियों को भेजे ईमेल में कहा, हमारा लक्ष्य हर चार साल में दोगुना का है। वित्तीय सेवाओं और गिरवी की बाजार अभी काफी कम पहुंच वाला है। यह आगे बहुत बड़ा होने जा रहा है। जिस गति से हमारा विकास करने का लक्ष्य है, हम उसमें बहुत बड़ा बैंक बना सकते हैं। बैंक अगले कुछ साल तक सालाना 1,500 शाखाएं खोलेगा।