अमेरिका जाने वाली फ्लाइट्स के किराए में जबरदस्त तेजी, 3 लाख तक पहुंचा किराया

मुंबई- सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया ने अमेरिका जाने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फ्लाइट्स की संख्या दोगुनी कर दी है। अब हर हफ्ते में भारत से अमेरिका 21 फ्लाट्स जाएंगी। अभी तक हफ्ते में 10 फ्लाइट्स जाती थी। कोविड से पहले मुंबई से अमेरिका का किराया 80-90 हजार रुपए हुआ करता था। अब यह 1.30 लाख से लेकर 3 लाख रुपए तक पहुंच गया है।  

हालांकि अमेरिका में अभी भी 1 लाख रोजाना कोरोना के केस आ रहे हैं। ऐसे में अगर इसमें बढ़त होती है तो छात्रों के जाने का मामला टल सकता है। अमेरिका में सितंबर के पहले हफ्ते में विश्वविद्यालय खुल जाते हैं। इसके लिए छात्र अभी जाने की योजना बना रहे हैं। छात्रों के एडमिशन को देखते हुए जुलाई-अगस्त में वीजा की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। एयर इंडिया की अमेरिका के लिए 7 अगस्त से यह फ्लाइट शुरू हो गई हैं। भारत से ज्यादातर छात्र अमेरिका जाते हैं।  

कोरोना की दूसरी लहर में एयर इंडिया ने अपनी साप्ताहिक फ्लाइट्स की संख्या को 40 से घटाकर 10 कर दी थी। कोरोना की दूसरी लहर में 4 मई से अमेरिका ने भारतीय उपमहाद्वीप से यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। 7 अगस्त से शुरू होने वाली फ्लाइट्स में सबसे ज्यादा फ्लाइट न्यूयॉर्क के लिए चलाई जाएगी। उसके बाद शिकागो और सन फ्रांसिस्को के लिए चलाई जाएगी।  

हालांकि अभी भी अमेरिका ने यात्रा का प्रतिबंध नहीं हटाया है, पर वहां एडमिशन शुरू होने से छात्रों के जाने की संख्या बढ़ने लगी है। इसके लिए वीजा एप्लिकेशन में बढ़त देखी जा रही है। जुलाई और अगस्त में हजारों छात्रों ने वीजा के लिए अप्लाई किया है। इन छात्रों को अमेरिका में कोविड-19 वैक्सीनेशन के किसी सबूत की जरूरत नहीं है। हालांकि उड़ान भरने से 72 घंटे के अंदर की RTPCR की निगेटिव रिपोर्ट जरूर रखनी होगी। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने भारतीय छात्रों को युनिवर्सिटी में दाखिले के लिए इस समय मंजूरी दी है। जिनके पास F1 या M1 वीजा वैलिड हैं, वे इसके लिए पात्र हैं।  

जुलाई मध्य में जब एंबेसी का पोर्टल एप्लिकेशन के लिए चालू हुआ था, उस समय वेबसाइट ही क्रैश हो गई थी, क्योंकि बहुत बड़े पैमाने पर छात्र इस वेबसाइट पर विजिट कर रहे थे। हालांकि अमेरिका के साथ ही कनाडा और जर्मनी के लिए भी इस समय वीजा एप्लिकेशन में तेजी दिख रही है। दरअसल इसी महीने से कई देशों की यूनिवर्सिटी खुल रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, कनाडा सहित कुछ देश छात्र वीजा एप्लिकेशन के लिए प्रायोरिटी सिस्टम देख रहे हैं। जर्मनी भी इसी पर काम कर रहा है।  

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