भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने 91,000 कर्मचारियों को निकाला, आगे और चुनौती
मुंबई- बड़ी कंपनियों के साथ ही देश की स्टार्टअप कंपनियों ने भी लोगों को नौकरी से निकाला है। स्टाफिंग फर्मों और हेडहंटर्स के अनुसार, स्टार्टअप में छंटनी सार्वजनिक रूप से बताई गई तुलना में कम से कम तीन गुना अधिक होने का अनुमान है।
पिछले 24 महीने यानी दो साल के दौरान 1,400 से ज्यादा कंपनियों ने 91 हजार के करीब कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। टेक फोकस हायरिंग फर्म टॉपहायर के आंकड़ों से पता चलता है कि छिपी हुई छंटनी के ध्यान में रखते हुए निकाले गए कर्मचारियों की संख्या 120,000 तक पहुंच सकता है।
भारत के स्टार्टअप कंपनियों से छंटनी की बात करें तो इसमें यूनिकॉर्न या 1 बिलियन डॉलर या उससे अधिक मूल्य के स्टार्टअप शामिल हैं। इसमें बायजू, अनएकेडमी, ब्लिंकिट, मीशो, वेदांतु, ओयो, ओला, कार्स24 और उड़ान ने कर्मचारियों की संख्या को कम किया है।
सार्वजनिक तौर पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, पिछले दो साल के दौरान 25,000-28,000 की छंटनी हुई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि तरलता संकट के कारण धन की कमी हो गई, जिससे भारत में कई स्टार्टअप को अपने मासिक खर्चों में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। वहीं दुर्लभ फंडिंग के कारण स्टार्टअप्स को मार्केटिंग खर्चों में कटौती करने और लागत को फिर से व्यवस्थित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।