भारत में तेजी से उद्यमी बन रहे इन्फ्लुएंसर, 3,375 करोड़ का होगा मार्केटिंग उद्योग

मुंबई- लाखों फॉलोअर्स, कहानियों को सही तरीके से गढ़ने और लोगों के दिमाग में विश्वास के साथ अपनी छाप छोड़ रहे इन्फ्लुएंसर अब तेजी से उद्यमी बन रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में इन्फ्लुएंसर से संस्थापक बनने की कहानी एक स्वाभाविक विकास है। यह प्रभावशाली मार्केटिंग के अलावा नए मूल्य को भी जन्म दे सकती है। कंसल्टेंसी फर्म अर्न्स्ट एवं यंग यानी ईवाई के अनुमान के अनुसार, इस क्षेत्र का मार्केटिंग उद्योग 2026 तक 3,375 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

अब भारत के शीर्ष सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अब फैशन की दुनिया में भी आ रहे हैं। ब्यूटी, फैशन और उससे भी आगे के ब्रांड के मालिक बन रहे हैं। कुशा कपिला, नितिभा कौल, नीतू बिष्ट और सनी चोपड़ा जैसे कंटेंट क्रिएटर उद्यमिता में अपना हाथ आजमा रहे हैं। ये अब कैटरीना कैफ और कृति सनोन जैसी लोकप्रिय बॉलीवुड हस्तियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

इन इन्फ्लुएंसर की रणनीति यह है कि फॉलोअर्स के सूक्ष्म समुदायों को आकर्षित किया जाए, जिनकी संख्या 10 लाख से एक करोड़ तक हो सकती है। कपिला ने अंडरनीट नाम से शेपवियर ब्रांड लॉन्च किया है। नितिभा कौल ने ऑल्टके ब्यूटी के नाम से स्किनकेयर उत्पाद पेश किए हैं। नीतू बिष्ट ने नेटोज क्लोथिंग शुरू की है और सनी चोपड़ा का फैशन ब्रांड कसंच है। कैफ के पास के ब्यूटी है, जबकि सनन के पास हाइफन नाम का स्किनकेयर ब्रांड है।

इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग ने सोशल मीडिया को दुनिया का सबसे बड़ा विज्ञापन चैनल बनने के लिए प्रेरित किया है। 2024 में 247.3 अरब डॉलर के वार्षिक खर्च के साथ पेड सर्च को पीछे छोड़ दिया है। भारत प्रमुख बाजारों में तीसरे स्थान पर रहा। इन्फ्लुएंसर से उद्यमी बनना क्रिएटर इकनॉमी में एक स्वाभाविक विकास है। जो चीज उन्हें अलग बनाती है, वह है उनके दर्शकों के साथ उनका गहरा, प्रामाणिक संबंध। यह संबंध विश्वास में बदल जाता है, जो आज किसी ब्रांड को लॉन्च करते समय सबसे मूल्यवान है।

विश्लेषकों का कहना है, हम कंटेंट निर्माण से व्यवसाय निर्माण की ओर एक शक्तिशाली बदलाव देख रहे हैं। यह केवल प्रसिद्धि से पैसे कमाने के बारे में नहीं है, यह विश्वास को मूर्त मूल्य में बदलने के बारे में है। इन क्रिएटर्स को ब्लॉकबस्टर बजट की जरूरत नहीं है। उनकी ताकत कहानी कहने में है। लोग उन्हें जानते हैं। उन पर भरोसा करते हैं और अब वे उनकी यात्रा में शामिल होना चाहते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स और क्षेत्रीय भाषाओं और प्रारूपों में तेजी से बढ़ते क्रिएटर इकोसिस्टम के कारण भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। लंबे समय में भारत के लिए अवसर बहुत बड़े हैं। युवा उपभोक्ता आकांक्षा और प्रासंगिकता के लिए भूखे हैं। टियर 2 और टियर 3 क्रिएटर्स का उदय कहानी को और नया आकार दे रहा है। यह समुदायों का एक विशाल नेटवर्क है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी भाषा और जरूरतें हैं। आपको दिग्गजों को पछाड़ने की नहीं बस उनसे आगे निकलने की जरूरत है।

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