टैरिफ लागू हुआ तो भारत को सालाना 61,000 करोड़ रुपये का होगा नुकसान
मुंबई- ट्रंप प्रशासन अगर दो अप्रैल से 100 फीसदी टैरिफ लगाता है तो इससे भारत को सालाना 7 अरब डॉलर यानी करीब 61,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। सिटी रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा, ट्रंप की धमकी से भारत के निर्यात क्षेत्रों में चिंता बढ़ रही है। इसमें ऑटो से लेकर कृषि तक शामिल हैं। सिटी रिसर्च के विश्लेषकों का अनुमान है कि सबसे अधिक असर केमिकल, मेटल उत्पाद और आभूषण पर पड़ेगा। इसके बाद ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य उत्पाद प्रभावित होंगे।
अमेरिका को भारत का व्यापारिक निर्यात 2024 में लगभग 74 अरब डॉलर होने का अनुमान है। इसमें 8.5 अरब डॉलर के मोती, रत्न व आभूषण, 8 अरब डॉलर की औषधियाँ और लगभग 4 अरब डॉलर मूल्य के पेट्रोकेमिकल्स शामिल हैं। सिटी के अनुमानों के अनुसार, समग्र स्तर पर भारत ने 2023 में लगभग 11% का भारित औसत टैरिफ लगाया, जो कि भारतीय निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ से लगभग 8.2 प्रतिशत अधिक है।
अमेरिका द्वारा भारत को किए जाने वाले विनिर्माण निर्यात पर काफी अधिक टैरिफ लगाए जा रहे हैं। इसका मूल्य 2024 में लगभग 42 अरब डॉलर था। इसमें लकड़ी के उत्पादों और मशीनरी पर 7 फीसदी से लेकर फुटवियर और परिवहन उपकरणों पर 15 फीसदी से 20 फीसदी तक और खाद्य पदार्थों पर लगभग 68 फीसदी तक है। हाल में व्हाइट हाउस ने कहा कि कृषि उत्पादों पर अमेरिका का औसत लागू मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) टैरिफ भारत के 39 फीसदी की तुलना में 5 फीसदी था।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर अमेरिका पारस्परिक टैरिफ लागू करता है तो वित्त वर्ष 2026 में भारत का अमेरिका को निर्यात दो डॉलर घटकर सात अरब डॉलर रह सकता है। इस वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान अमेरिका को भारत का निर्यात 5.57 प्रतिशत बढ़कर 59.93 अरब डॉलर हो गया।2024-25 के पहले नौ महीनों के दौरान आयात 1.91 प्रतिशत बढ़कर 33.4 अरब डॉलर हो गया।