रुपया फिर निचले स्तर 83.10 पर बंद, बढ़ेगी महंगाई और पढ़ाई का खर्च 

मुंबई- डॉलर की तुलना में रुपया का लुढ़कना जारी है। यह लगातार दूसरे दिन एक पैसे की गिरावट के साथ रिकॉर्ड निचले स्तर 83.10 पर बंद हुआ। रुपये की इस गिरावट से एक ओर जहां महंगाई बढ़ सकती है, वहीं विदेशों में पढ़ाई भी महंगी हो जाएगी। भारत एक आयात-निर्भर देश है। ऐसे में लोगों के कई सारे खर्च बढ़ सकते हैं। 

विश्लेषकों के मुताबिक, ग्राहकों को कुछ उत्पादों पर ज्यादा खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, क्योंकि रुपये की गिरावट से आयात महंगा हो जाएगा। आयातित वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती लागत से रुपये के मूल्य में गिरावट से महंगाई पर दबाव पड़ता है। 

आयातित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से कंपनियों को ग्राहकों पर बढ़ोतरी का बोझ डालने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कमजोर रुपया अल्पावधि में महंगाई को बढ़ावा दे सकता है। चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक्स हो, या तेल वाले पैक किए गए खाद्य पदार्थ, ग्राहकों को इन उत्पादों के लिए बहुत अधिक भुगतान करना होगा। 

इसी तरह भारत से विदेश पैसा भेजने वालों को ज्यादा खर्च करना होगा। इसका ज्यादा असर विदेश में पढ़ने वालों पर होगा। डॉलर पांचवी साप्ताहिक बढ़त की ओर है। यह एक साल में पहली बार हुआ है जब इतने लंबे समय तक डॉलर तेजी में रहा है। 

देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तीसरे हफ्ते गिरा है। रुपये की कमजोरी रोकने के लिए आरबीआई डॉलर को बाजार में छोड़ सकता है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आने की आशंका है। यूबीएस सिक्योरिटीज का अनुमान है कि रुपया 82-83 के दायरे में रह सकता है। 

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