भारत के पास 800 टन सोने का भंडार, अमेरिका में सबसे अधिक 8,000 टन
मुंबई- किसी जमाने में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। एक अनुमान के मुताबिक भारतीय घरों में करीब 25,000 टन सोना है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के किस देश भंडार में सबसे ज्यादा सोना भरा है। इसका जवाब है अमेरिका।
दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश अमेरिका के सरकारी खजाने में 8,133.46 टन सोना है जिसकी कीमत करीब 489,133.74 मिलियन डॉलर है। इस मामले में दुनिया का कोई देश अमेरिका के आसपास भी नहीं है। जैसे लोग अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड रखते हैं वैसे ही देश भी अपने भंडार में सोना रखते हैं ताकि मुसीबत के समय इसका इस्तेमाल किया जा सके। हाल के दिनों में सभी देशों के केंद्रीय बैंकों ने सोने की जमकर खरीद की है।
अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व जर्मनी के पास है। इस यूरोपीय देश के केंद्रीय बैंक के खजाने में 3,352.65 टन सोना है जिसकी कीमत 20,162 करोड़ डॉलर है। सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व वाले देशों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर इटली का नाम है। इसके पास 2,451.84 टन सोना है जिसकी कीमत 147,449.64 मिलियन डॉलर है।
फ्रांस के पास 2,436.88 टन गोल्ड है जिसका मूल्य 146,551.80 मिलियन डॉलर है। इस लिस्ट में पांचवां नंबर रूस का है जिसके पास 2,332.74 टन सोना पड़ा है। यूक्रेन पर हमले से पहले रूस ने दूसरे देशों के पास पड़े अपने सोने के भंडार को स्वदेश मंगाया था। उसके गोल्ड रिजर्व का मूल्य 14,028 करोड़ डॉलर है।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाला देश चीन इस लिस्ट में छठे नंबर पर है। उसके पास 2,191.53 टन सोने का भंडार है जिसकी कीमत 131,795 करोड़ डॉलर है। चीन ने हाल में अपने गोल्ड रिजर्व में तेजी से बढ़ोतरी की है। यूरोप के छोटे से देश स्विट्जरलैंड के पास 1,040 टन सोना है जिसकी कीमत करीब 62,543.91 मिलियन डॉलर है।
इस लिस्ट में जापान आठवें नंबर पर है। उसके पास 845.97 टन सोना है जिसकी कीमत 50,875.51 मिलियन डॉलर है। भारत इस लिस्ट में नौवें नंबर पर है। भारत के पास 800.78 टन गोल्ड है जिसकी कीमत 48,157.71 मिलियन डॉलर है। नीदरलैंड भी टॉप 10 में शामिल है। इस यूरोपीय देश के पास 612.45 टन गोल्ड है जिसकी कीमत 36,832 करोड़ डॉलर है।
दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने पिछले लगातार दो साल 1000 टन से ज्यादा सोना खरीदा है। जानकारों का कहना है कि डॉलर की गिरती परचेजिंग पावर से बचने के लिए सोना सबसे बेहतर है। पिछले 110 साल से ऐसा होता आया है और आगे भी होता रहेगा। जब करेंसी और इकॉनमी को खतरा होता है तो भी सेंट्रल बैंक बड़े पैमाने पर सोना खरीदते हैं। अमेरिका, चीन और यूरोप के कई देशों में मंदी की आशंका बनी हुई है। खासकर चीन आर्थिक मोर्चे पर कई दिक्कतों का सामना कर रहा है। अगर चीन की इकॉनमी डूबती है तो इसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल सकता है।