गांव-गांव तक पहुंचेगा बीमा, बनेगा वितरण चैनल, बीमा वाहक का मसौदा जारी
मुंबई- आने वाले समय में देश गांव-गांव तक बीमा योजनाओं को पहुंचाने की योजना है। इसके साथ ही एक नए तरीके से वितरण चैनल भी स्थापित किया जाएगा। भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में बीमा वाहक के लिए मसौदा जारी कर दिया है। दिशानिर्देश में वितरण चैनल के लिए कॉरपोरेट बीमा वाहक और व्यक्तिगत बीमा वाहक का प्रस्ताव किया गया है।
कॉरपोरेट बीमा वाहक कानूनी व्यक्ति होंगे जो संबंधित कानूनों के अनुसार पंजीकृत होंगे और बीमा कंपनी की तरफ से नियुक्त किए जाएंगे। व्यक्तिगत बीमा वाहक बीमा कंपनी या कॉरपोरेट बीमा वाहक की तरफ से नियुक्त कोई भी व्यक्ति हो सकता है। कॉरपोरेट और व्यक्तिगत दोनों बीमा वाहक प्रस्ताव के बारे में जानकारी और केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) दस्तावेजों और दावों से संबंधित सेवाओं के मामले में समन्वय जैसे कार्य के लिये अधिकृत होंगे।
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मसौदे पर 22 जून तक संबंधित पक्षों से सुझाव देने को कहा है। इसमें कहा गया है कि प्रत्येक बीमा कंपनी व्यक्तिगत बीमा वाहक और कॉरपोरेट बीमा वाहक के माध्यम से प्राप्त नीतियों के संबंध में केवाईसी और मनी लांड्रिंग निरोधक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगी।
मसौदे के अनुसार प्रत्येक बीमाकर्ता को संभावित या पॉलिसीधारकों के लिये प्रीमियम भुगतान को लेकर वैकल्पिक तरीके उपलब्ध कराने होंगे। इरडाई ने कहा कि बीमा वाहक का उद्देश्य ग्राम पंचायतों तक बीमा पहुंचाने और उसके बारे में जागरूक करने के लिये अलग से वितरण चैनल स्थापित करना है। इससे देश में हर जगह बीमा की पहुंच बेहतर होगी।
एक अन्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर संसाधनों की पहचान और विकास करना है जो प्रत्येक ग्राम पंचायत और गांव के भीतर स्थानीय जरूरतों को समझते हैं और उनकी सराहना करते हैं। विशेष रूप से महिलाओं को भी इसमें प्रोत्साहित किया जाएगा, जो बीमा उत्पादों के वितरण और सेवाओं के लिए बीमा वाहक के रूप में स्थानीय लोगों का विश्वास हासिल कर सकती हैं।