छोटी योजनाओं में 10 लाख के निवेश पर अब देना होगा कमाई का सबूत 

मुंबई- मनी लांड्रिंग और आतंकी गतिविधियों की फंडिंग को रोकने के लिए सरकार ने अब एक नया नियम लाया है। डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में अगर आप 10 लाख या इससे ज्यादा का निवेश करते हैं तो अब आपको कमाई का सबूत देना होगा। यानी यह बताना होगा कि यह रकम कहां से आई और कैसे आई। इसी के साथ डाकघर की सभी योजनाओं में सभी निवेश के लिए कड़े केवाईसी और पीएमएलए का पालन करना होगा। 

डाक विभाग ने इस संबंध में हाल में जारी सर्कुलर में लघु बचत योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) प्रावधानों में बदलाव किया है। डाक विभाग ने सभी डाक घरों से कहा है कि वे छोटी बचत योजनाओं की एक निश्चित श्रेणी के निवेशकों से कमाई का सबूत जरूर लें। इन मामलों में निवेशकों को पैन और आधार के साथ कमाई का सबूत भी लगाना होगा। 

सर्कुलर में डाक विभाग ने निवेशकों को जोखिम के आधार पर 3 श्रेणियों में बांटा है। जिस निवेशक का डाकघर की सभी योजनाओं में कुल निवेश 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं है तो वह कम जोखिम वाला माना जाएगा। 50 हजार रुपये से ज्यादा लेकिन 10 लाख रुपये से कम रकम वाले निवेशकों को मध्यम जोखिम श्रेणी में रखा जाएगा। अगर रकम 10 लाख या इससे ज्यादा है तो फिर इन निवेशकों को उच्च जोखिम श्रेणी में माना जाएगा और उनके ऊपर कड़े प्रावधान लागू होंगे। 

भारत के बाहर रहने वाले राजनीतिक रूप से जोखिम वाले व्यक्तियों (पीईपी) से संबंधित खाते उच्च जोखिम श्रेणी के अंतर्गत आएंगे। पीईपी वे व्यक्ति होते हैं जिन्हें किसी दूसरे देश के प्रमुख सार्वजनिक कार्य सौंपे जाते हैं। इनमें राज्यों/सरकारों के प्रमुख, वरिष्ठ राजनेता, वरिष्ठ सरकार या न्यायिक या सैन्य अधिकारी, राज्य के स्वामित्व वाले निगमों के वरिष्ठ अधिकारी और महत्वपूर्ण राजनीतिक दल के अधिकारी शामिल हैं। 

सबूत के तौर पर दे सकते हैं ये कागजात-बैंक या डाकघर खाते का विवरण, जिसमें पैसे की पूरी जानकारी हो। पिछले तीन साल में से किसी एक साल के आईटी रिटर्न का विवरण, जिसमें सभी तरह से मिले पैसों का जिक्र हो 

कोई और कागजात, जिसमें आपकी कमाई के पूरे सबूत या विवरण हों 

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