भारी गिरावट से भारतीय बाजार को ब्रिटेन पीछे छोड़ हासिल किया छठां स्थान

मुंबई- भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ दिनों से गिरावट देखने को मिल रही है। बाजार बुधवार को लगातार चौथे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ। इससे भारत के इक्विटी मार्केट पर असर हुआ है। ब्रिटेन अब भारत को पछाड़कर दुनिया का छठा सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट बन गया है।  

नौ महीने में पहली बार ब्रिटेन ने इस मामले में भारत को पछाड़ा है। ब्रिटेन की प्राइमरी लिस्टिंग्स का पूरा बाजार पूंजीकरण कैप मंगलवार को 3.11 लाख करोड़ डॉलर पहुंच गया जो भारत के मुकाबले 5.1 अरब डॉलर अधिक है। 29 मई के बाद पहली बार ब्रिटेन का इक्विटी मार्केट भारत से आगे निकला है।  

पाउंड के कमजोर होने से ब्रिटेन का मार्केट निवेशकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दूसरी तरफ भारत के शेयर मार्केट में हाल में गिरावट आई है। बीएसई सेंसेक्स में कल 900 अंक से अधिक गिरावट आई। पिछले चार दिन की गिरावट से निवेशकों के सात लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं। 

पिछले चार दिन में सेंसेक्स में 1,500 अंक से अधिक गिरावट आई है। बुधवार को गिरावट से बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 3.9 लाख करोड़ रुपये घटकर 261.3 लाख करोड़ रुपये रह गया है। इस साल एमएससीआई इंडेक्स में 6.1 फीसदी गिरावट आई है। अडानी ग्रुप के शेयरों में 24 जनवरी के बाद से भारी गिरावट आई है। इससे ग्रुप का मार्केट कैप 142 अरब डॉलर कम हो चुका है।  

बीएसई इंडेक्स भी एक दिसंबर के पीक से 10 फीसदी गिर चुका है। जानकारों का कहना है कि अडानी ग्रुप निगेटिव कारणों से सुर्खियों में है। इससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों में चिंता है और वे भारत को लेकर सेलेक्टिव हो सकते हैं। लेकिन यह आशंका केवल अडानी ग्रुप तक ही सीमित रह सकती है। विदेशी निवेशक भारत के दूसरे स्टॉक्स में बने रह सकते हैं। 

यूके का स्टॉक मार्केट खासकर निवेशकों को मालामाल कर रहा है। खासकर स्मॉल और मिड-कैप कंपनियों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। यूके का FTSE 350 Index इस साल 5.9 फीसदी चढ़ चुका है। ब्लू चिप FTSE 100 पिछले हफ्ते पहली बार 8,000 अंक के पार पहुंच गया। पाउंड की कीमत में गिरावट से भी ब्रिटेन का शेयर मार्केट निवेशकों के लिए आर्कषण का केंद्र बनकर उभरा है। 

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