विकिपीडिया का दावा- अदाणी के कर्मचारियों ने सूचनाओं में हेराफेरी की 

मुंबई- अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग के आरोपों के करीब एक महीने बाद फिर से आरोप लगने शुरू हो गए हैं। इस बार विकिपीडिया ने आरोप लगाया है कि पहचान छुपाकर ऑनलाइन अभियान चलाने वालों (सॉकपपेट्स) ने एक दशक से अधिक समय तक गौतम अदाणी, उनके परिवार और उनके कारोबार के बारे में अनाप-शनाप तथा मनगढ़ंत बातें फैलाने का काम किया। इसमें कंपनी के कुछ कर्मचारी भी शामिल थे। इन लोगों ने सूचनाओं में हेराफेरी की। साथ ही वेबसाइट्स से चेतावनियां भी हटा दीं। 

विकिपीडिया ने 20 फरवरी की डिसइनफॉरमेशन रिपोर्ट में हिंडनबर्ग की ठगी के आरोपों का जिक्र करते हुए पूछा था कि क्या अदाणी और उनके कर्मचारियों ने विकिपीडिया लेखों के पक्षपाती पीआर संस्करणों के साथ ठगने की भी कोशिश की थी? इसके जवाब में कहा गया कि, लगभग निश्चित रूप से उन्होंने ऐसा किया। इसके बाद 40 से अधिक नकली पहचान वाले ऑनलाइन कैम्पेनर या अघोषित पेड-संपादकों ने अदाणी परिवार और उनके पारिवारिक व्यवसायों के बारे में नौ लेख लिखे या फिर उन्हें संशोधित किया। उनमें से कई ने कई लेखों में पक्षपाती सामग्री को जोड़ा। हालांकि, बाद में इन सभी को ब्लॉक कर दिया गया। 

विकिपीडिया में कोई भी किसी पेज या लेख में बदलाव कर सकता है। लेकिन यह निष्पक्ष होकर काम करने के सिद्धांत पर काम करता है। जबकि सॉकपपेट एक नकली या फेक नाम है जिसके जरिए कोई भी ऑनलाइन ग्राहक किसी अन्य व्यक्ति को धमकाने या उसके उत्पादों की समीक्षा कर उसका दुरुपयोग कर सकता है। सॉकपपेट इंटरनेट पर सक्रिय ऐसे फर्जी खातों को कहते हैं, जो ब्लॉग, फोरम, विकिपीडिया और फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग मंच का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति या मुद्दे के पक्ष में जनमत तैयार करते हैं। 

विकिपीडिया ने कहा कि अरबपतियों का विकिपीडिया पर स्पष्ट रूप से अघोषित भुगतान संपादन का इतिहास रहा है। इसमें केनेथ सी. ग्रिफिन (पेवॉल), रॉबर्ट टी. ब्रॉकमैन, रॉबर्ट एफ. स्मिथ और कई रूसी कुलीन वर्ग शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि एलिजाबेथ होम्स, ग्रेग लिंडबर्ग, जेफरी एपस्टीन और पीटर न्यगार्ड सहित कुछ निकट या पूर्व-अरबपति भी अघोषित भुगतान संपादन के लिए लोगों को नियुक्त करते दिखाई दिए हैं। 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद से गौतम अदाणी की कुल संपत्ति एक महीने से भी कम समय में 70 अरब डॉलर घट गई है। जबकि समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 135 अरब डॉलर की कमी आई है। इसका असर यह हुआ कि अदाणी दुनिया के दूसरे सबसे धनी व्यक्ति से फिसलकर 25वें स्थान पर आ गए हैं। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने ग्रुप खातों में हेराफेरी, शेयर की कीमतों को बढ़ाने और धन शोधन जैसे मामलों में लिप्त रहने का आरोप लगाया था। 

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