इक्विटी और डेट से जुटाई गई रकम में इस साल आई 20 फीसदी की कमी
मुंबई- चालू वर्ष में कंपनियों ने डेट और इक्विटी के जरिये जुटाई गई रकम 20 फीसदी घट कर 11 लाख करोड़ रुपये रह गई है। 2021 में कंपनियों ने 13.6 लाख करोड़ रुपये जुटाया था। इसमें 6.8 लाख करोड़ रुपये डेट से, 2.85 लाख करोड़ इक्विटी से और 1.2 लाख करोड़ रुपये प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से जुटाए गए थे। ब्याज दर ज्यादा होने और बाजार के भारी उतार-चढ़ाव के कारण कंपनियों ने इस साल रकम जुटाने की रफ्तार कम कर दी।
11 लाख करोड़ में से 6.92 लाख करोड़ रुपये डेट बाजार से और 1.62 लाख करोड़ रुपये इक्विटी बाजार से जुटाए गए। 2.52 लाख करोड़ विदेशी बाजारों से कंपनियों ने जुटाया। जानकारों का कहना है कि 2023 की पहली छमाही में भी कंपनियों के सामने पैसा जुटाने की चुनौती बनी रह सकती है। अगर अमेरिका में मंदी की आशंकाएं खत्म होती हैं तो दूसरी छमाही में वैश्विक स्तर पर बाजारों में तेजी दिख सकती है। उसकी वजह से भारतीय बाजारों के भी निवेशकों की धारणा सकारात्मक हो जाएगी। हालांकि, बाजारों में अगर तेजी आती है तो भी अगले कुछ साल तक फंड जुटाने की रफ्तार धीमी ही रहेगी।
2021 की तुलना में 2022 घरेलू और वैश्विक बाजारों के लिए एक चुनौती पूर्ण वर्ष रहा। वैश्विक स्तर पर महंगाई में वृद्धि से केंद्रीय बैंकों ने कई बार ब्याज दरों में जमकर बढ़ोतरी की। इससे उधार लेने की लागत बढ़ गई है। इससे वैश्विक बॉन्ड बाजारों के लिए यह सबसे खराब वर्षों में से एक रहा है। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर इक्विटी बाजार में भी उतार-चढ़ाव रहा है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि शेयर बाजार में ज्यादातर रकम इक्विटी शेयरों के प्रेफरेंशियल इश्यू से आए। हालांकि, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी), राइट्स इश्यू और आईपीओ जैसे अन्य इक्विटी माध्यमों से पैसा जुटाने में कमी देखी गई। इस साल आईपीओ ने 59,000 करोड़ रुपये, क्यूआईपी से 11,743 करोड़ रुपये और ऑफर फॉर सेल से 8,342 करोड़ रुपये कंपनियों ने जुटाया था। 2021 में आईपीओ से 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे।