फंडिंग की दिक्कतों के बावजूद 122 स्टार्टअप बन सकते हैं यूनिकॉर्न 

मुंबई। फंडिंग की दिक्कतों के बावजूद अगले चार साल में 122 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन सकते हैं। इनका मूल्यांकन इस समय 20 करोड़ डॉलर का है। इनके पास 82,300 कर्मचारी हैं। इसके साथ ही यूनिकॉर्न की संख्या 200 तक पहुंच जाएगी।  

हुरून रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय कुल 84 यूनिकॉर्न हैं जो कि एक साल पहले 51 थे। इसने कहा कि तमाम कारणों की वजह से देश में स्टार्टअप अभी दिक्कतों से गुजर रहे हैं। वेंचर कैपिटल सिकोइया स्टार्टअप को पैसा देने में सबसे आगे रहा है। इसने 122 में से 39 कंपनियों को फंडिंग की है। जबकि टाइगर ग्लोबल ने 27 कंपनियों को फंडिंग की है। 

यूनिकॉर्न उन कंपनियों को कहते हैं जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर का होता है। आज के हिसाब से यह 7,900 करोड़ रुपये होगा। इसने कहा कि 122 में से 51 कंपनियां अगले दो साल में ही यूनिकॉर्न बन सकती हैं। जबकि 71 को यूनिकॉर्न बनने में 4 साल का समय लग सकता है। जो कंपनियां जल्दी एक अरब डॉलर का मूल्यांकन हासिल कर सकती हैं उनमें टर्टलमिंट और जेप्टो हैं। 

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