निफ्टी 20 हजार को पार कर सकता है, सेंसेक्स 66 हजार पर जाएगा
मुंबई-सरकार की विकास समर्थक नीतियों और कंपनियों की आय में बढ़ोतरी के चलते NSE Nifty 50 अगले एक साल में 20,000 अंक के स्तर तक पहुंच सकता है। जबकि S&P BSE Sensex 66,600 अंक के पार जा सकता है। ब्रोकरेज फर्म ICICI डायरेक्ट ने एक नोट में ये बातें कही हैं।
ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कई तरह के फंडामेंटल फैक्टर्स बाजार को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। इस साल सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 25 फीसदी की तेजी आई है। ऐसा लग रहा है कि दलाल स्ट्रीट ने खुद को सभी चिंताओं से मुक्त कर लिया है। फिर चाहे कोरोना की दूसरी लहर का मामला हो या फिर तीसरी लहर आने की आशंका। निफ्टी फिलहाल अपने सर्वकालिक उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहा है और पहली बार जल्द ही 18,000 के स्तर को पार करने की उम्मीद है। वहीं सेंसेक्स भी 60,000 के करीब पहुंच गया है।
ICICI डायरेक्ट के विश्लेषकों का मानना है कि सेंसेक्स और निफ्टी में मौजूदा तेजी को विभिन्न पहलुओं का समर्थन मिला है। सबसे प्रमुख कारण यह रहा है कि लोगों में इक्विटी को महंगाई दर से अधिक रिटर्न देने वाले एसेट क्लास के रूप में पहचान मिली है। जिससे कि बाजार में निवेश बढ़ा है। ब्रोकरेज फर्म ने आगे कहा, “इसके अलावा डिजिटलीकरण की गति में तेज बढ़ोतरी, अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत और कंपनियों की आय में बढ़ोतरी मुख्य वजहें रहीं।”
ICICI डायरेक्ट ने पिछले एक-डेढ़ साल में रिकॉर्ड संख्या में डीमैट एकाउंट खोले गए हैं। साथ ही म्युचुअल फंड के जरिए निवेश भी बढ़ा है। यह बाजार के बेहतर प्रदर्शन में योगदान दे रहे हैं। ब्रोकरेज ने कहा कि नई तकनीक के आगमन के साथ, इक्विटी की पहुंच बढ़ी है, जिससे अधिक से अधिक रिटेल निवेशक इस रैली में शामिल हो रहे हैं। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक अगले एक साल में बाजार में निम्न वजहों से तेजी बरकरार रहेगी।
इसमें विभिन्न सेक्टर के लिए लॉन्च की गई PLI स्कीम और टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत उपायों के ऐलान जैसी नीतियां शामिल है। सरकार 2025 तक एसेट मोनेटाइजेशन तक 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की इजाजत पर काम कर रही हैं।वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ने से आर्थिक रिकवरी भी तेज होगी। हाल में रियल एस्टेट सेक्टर में फिर से तेजी देखी गई है। यह स्टॉक मार्केट के लिए अच्छा संकेत है।
जोमैटो की शानदार लिस्टिंग के बाद अगले कुछ सालों में कई और शानदार स्टार्टअप अपने आईपीओ के जरिए मार्केट में एंट्री करने की तैयारी में हैं। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि वित्त वर्ष 2021 से 2023 के बीच कॉरपोरेट की आमदनी में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी दिख सकती है।