एक्सिस बैंक, यस बैंक, इंडसइंड और SBI होंगे प्रभावित, 2-3 महीने लगेंगे दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने में

मुंबई– मास्टर कार्ड पर प्रतिबंध का सबसे ज्यादा असर देश के 5 बैंकों पर होगा। इसमें निजी सेक्टर के एक्सिस बैंक, यस बैंक, इंडसइंड बैंक, सरकारी सेक्टर के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और बजाज फिनसर्व शामिल हैं। इन्हें दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने में 2-3 महीने लग सकते हैं। 

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने एक रिपोर्ट में कहा है कि रिजर्व बैंक के मास्टर कार्ड पर प्रतिबंध का असर सीधे तौर पर इन बैंकों पर दिखेगा। क्योंकि ये बैंक मास्टर कार्ड के ही प्लेटफॉर्म पर ज्यादा कार्ड जारी करते हैं। रिजर्व बैंक ने नियमों का हवाला देते हुए मास्टर कार्ड को नए कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगाया है। यह नियम लोकल डाटा स्टोरेज को लेकर है।  

HDFC बैंक पर इस प्रतिबंध का असर इसलिए नहीं होगा क्योंकि पिछले साल ही रिजर्व बैंक (RBI) ने उस पर नए डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। नोमुरा के मुताबिक, कुल 7 वित्तीय संस्थान रिजर्व बैंक के इस कदम से प्रभावित होंगे। इसका मतलब यह कि वे नए कार्ड मास्टर कार्ड के प्लेटफॉर्म पर जारी नहीं कर पाएंगे। नए कार्ड को जारी करने में उन्हें दूसरे पेमेंट गेटवे का उपयोग करना होगा और इसमें 2 से 3 महीने का समय लगेगा।  

रिपोर्ट के मुताबिक, क्रेडिट कार्ड जारी करने वालों में जिसमें को ब्रांडेड पार्टनर्स भी हैं, उसमें RBL बैंक, यस बैंक और बजाज फिनसर्व ज्यादा प्रभावित होंगे। क्योंकि इनकी सभी स्कीम मास्टरकार्ड के साथ ही है।  

रिपोर्ट के मुताबिक, RBL बैंक, यस बैंक और बजाज फिनसर्व कार्ड जारी करने के मामले में पूरी तरह से मास्टर कार्ड पर निर्भर हैं। जबकि इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक और ICICI बैंक की निर्भरता 35 से 40% है। SBI और SBI कार्ड अपने कुल कार्ड का केवल 10% ही हिस्सा मास्टर कार्ड के साथ जारी करते हैं। इसलिए इन पर कम असर होगा। कोटक महिंद्रा बैंक का कार्ड पोर्टफोलियो पूरी तरह से वीजा पर निर्भर है और इसलिए इस पर कोई असर नहीं दिखेगा। एक्सिस बैंक और ICICI बैंक ने हाल में अपने को ब्रांडेड कार्ड के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजन के साथ बात की है।  

इस बीच, RBL बैंक ने गुरुवार को कहा कि वह वीजा वर्ल्डवाइड के साथ कार्ड जारी करने के लिए साझेदारी करेगा। यह क्रेडिट कार्ड के मामले में वीजा प्लेटफॉर्म का उपयोग करेगा। बैंक कम से कम 8-10 हफ्ते बाद ही वीजा के प्लेटफॉर्म पर कार्ड जारी कर पाएगा। मास्टर कार्ड पर बैन से कई बैंकों को अपनी पूरी टेक्नोलॉजी बदलनी होगी। हालांकि जो पहले से कार्ड जारी किए गए हैं, उस पर इस प्रतिबंध का कोई असर नहीं होगा।     

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