म्यूचुअल फंड में असेट अलोकेशन निवेश की सदाबहार रणनीति है

मुंबई– एक निवेशक के रूप में आपके पास तमाम लक्ष्य और महत्वाकांक्षा होगी। हर लक्ष्य का अपना अलग समयावधि होगी और उसके रिटर्न की जरूरत और जोखिम का प्रोफाइल भी अलग होगा। उदाहरण के तौर पर 3 लक्ष्यों को लेते हैं। पहला रिटायरमेंट के लिए बचत जिसकी 35 साल की समय हो। दूसरा 5 साल के समय में घर खरीदना और दीसरा आपके पोर्टफोलियो की उस समय रक्षा करना जब बाजार की स्थितियां सही नहीं हों। 

म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर अभिनंदन होनले कहते हैं कि इसमें से हर लक्ष्य एक अनोखा होता है और निवेश के अलग क्लास की जरूरतों के तहत होता है। जबकि इक्विटी निवेश आपके रिटायरमेंट के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। आपके अन्य लक्ष्यों को कई असेट क्लास को मिलाकर पूरा किया जा सकता है जिसमें डेट और सोना भी हो। अभिनंदन कहते हैं कि ऐसा कोई एक निवेश नहीं हो सकता जो आपके सभी लक्ष्यों को पूरा कर सके जिसमें ग्रोथ, लिक्विडिटी, नियमित आय, पैसे में बढ़ोत्तरी आदि हों।  

अभिनंदन कहते हैं कि सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको एक पोर्टफोलियो का निर्माण करना होगा जिसमें तमाम असेट क्लास शामिल हों। इसे ही असेट अलोकेशन कहते हैं। असेट अलोकेशन की निवेश की रणनीति ऐसी है कि यह सभी तरह की परिसंपत्तियों में निवेश करती है। हर असेट क्लास का एक अलग जोखिम प्रोफाइल होता है।  

वे कहते हैं कि असेट अलोकेशन आपको विविधीकृत पोर्टफोलियो बनाने में मदद कर सकता है जिससे आप पॉजिटिव बाजार का फायदा उठा सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो की रक्षा कर सकते हैं। ऐसे में आप चाहें तो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल असेट अलोकेटर फंड का चयन कर सकते हैं जो लगातार बेहतर प्रदर्शन करता है और इसने 1 साल में 14.4 पर्सेंट का रिटर्न दिया है।  

असेट अलोकेशन मुख्य रूप से आपको फायदा देता है साथ ही पोर्टफोलियो के जोखिम को कम करता है। यह एक संतुलित निवेश पर बेहतर फायदा देता है। इसलिए आपको चाहिए की एक ऐसे असेट अलोकेशन का चयन करें जो आपको सभी संपत्तियों में निवेश कर अच्छा रिटर्न दे।  

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