तीन महीने तक नहीं बढ़ेगा मोबाइल फोन का बिल
मुंबई– आपका मासिक मोबाइल फोन बिल जून तक नहीं बढ़ेगा, इस बात की बड़ी संभावना है। वोडाफोन आइडिया (Vi) अपना टैरिफ रेट बढ़ाने का फैसला तब तक के लिए टाल सकती है। कंपनी ने पहले अपनी दरें इसी तिमाही में बढ़ाने की योजना बनाई थी।
इस बीच मार्केट लीडर रिलायंस जियो ने अपने 4G फीचर फोन की यूसेज कॉस्ट 25% घटा दी। उसने यह कदम नए 4जी कस्टमर की संख्या में आ रही गिरावट को थामने और बाकी 30 करोड़ फीचर फोन यूजर्स को खींचने के लिए उठाया था। अब भारती एयरटेल भी टैरिफ हाइक पर अपने कदम रोक लेगी, इस बात की पूरी संभावना है।
टेलीकॉम सेक्टर के एक सीनियर एग्जिक्यूटिव ने कहा, ‘Vi का टॉप मैनेजमेंट अब तक टैरिफ दरें बढ़ जाने की उम्मीद कर रहा था। लेकिन उसने कुछ महीने और रुकने का फैसला किया है। टैरिफ हाइक अब नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही की अंत में हो सकता है।’ Vi के टैरिफ हाइक टालने के कदम से बाजार को कोई हैरानी नहीं होगी। फरवरी में जियो की तरफ से 4G फीचर फोन कस्टमर्स के लिए दो सस्ते ऑफर लाए गए थे। इसको देखते हुए एनालिस्ट उम्मीद कर रहे थे कि टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ हाइक को टाल देंगी।
जियो फोन के ऑफर ने दिसंबर 2019 की तरह टैरिफ में 25-30% बढ़ोतरी हासिल करने का मौका Vi के हाथ से छीन लिया। हालांकि Vi के एमडी रविंदर टक्कर ने फरवरी में एनालिस्ट कॉल में कहा था कि कंपनी सही वक्त पर टैरिफ बढ़ाएगी। उन्होंने कहा था, ‘हम किसी का इंतजार नहीं कर रहे। टैरिफ बढ़ाना बहुत जरूरी हो गया है।’
अगर Vi टैरिफ नहीं बढ़ाती है तो इस बात की पूरी संभावना है कि भारती एयरटेल भी टैरिफ हाइक पर अपने कदम रोक लेगी। उसने साफ कर दिया है कि टैरिफ बढ़ाने की पहल वह नहीं करेगी, लेकिन अगर किसी और ने बढ़ोतरी की तो वह भी जरूर करेगी। टेलीकॉम कंपनियों को हर सब्सक्राइबर से होने वाली औसत कमाई (ARPU) में रिकवरी की रफ्तार सुस्त हो जाएगी।
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के एनालिस्टों के हालिया नोट मुताबिक, जियो का फोकस ज्यादा सब्सक्राइबर बनाने पर है। उसकी यह रणनीति दूसरी कंपनियों की टैरिफ हाइक की उम्मीदों को तोड़ सकती है। एमके और HSBC के एनालिस्टों का मानना है कि जियो के ऑफर से वोडाफोन आइडिया की चुनौतियां बढ़ेंगी।
एमके ग्लोबल के एनालिस्टों नवल सेठ और सोनाली शाह ने अपने नोट में लिखा है, ‘जियो का कदम वोडफोन आइडिया के निवेशकों के लिए इशारा है कि उसके सब्सक्राइबर बेस में आ रही कमी जल्द थमने वाली नहीं। टैरिफ हाइक की उम्मीदें भी पूरी होने की उम्मीद नहीं है।’