छोटे-छोटे उद्योगों तक पहुंचा फायदा, गांव तक आत्मनिर्भर पहल जाएगी- मोदी
मुंबई– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को फाइनेंशियल सर्विसेज के पहलुओं पर चर्चा की। पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत किसानों से, कृषि उत्पादों को बेहतर बनाने वाली इकाइयों से, MSMEs से और स्टार्टअप्स से बनेगा। पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत सिर्फ बड़े उद्योगों या बड़े शहरों से नहीं बल्कि गांव में, छोटे शहरों में छोटे-छोटे उद्यमियों के, सामान्य भारतीयों के परिश्रम से बनेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा ये लगातार प्रयास है कि जहां संभव हो वहां प्राइवेट उद्यम को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाए। लेकिन इसके साथ-साथ बैंकिंग और बीमा में पब्लिक सेक्टर की भी एक प्रभावी भागीदारी अभी देश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे फिनटेक स्टार्टअप्स आज बेहतरीन काम कर रहे हैं और इस सेक्टर में हर संभावनाओं एक्सप्लोर कर रहे हैं। कोरोना काल में भी जितनी स्टार्टअप्स डील हुई हैं, उनमें हमारे फिनटेक्स की हिस्सेदारी बहुत अधिक रही है।
पीएम ने कहा कि दो सार्वजनिक बैंकों का निजीकरण, LIC का IPO, इंश्योरेंस सेक्टर में FDI की सीमा को 74% तक बढ़ाना वित्तीय सेक्टर के लिए सरकार की पॉलिसी की दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत का फिनटेक मार्केट 6 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार बैंकिंग सेक्टर की मजबूती के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए सुधार जारी रहेंगे।
मोदी ने कहा कि आज देश में 130 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड है। 41 करोड़ से ज्यादा देशवासियों के पास जनधन खाते हैं। इनमें से करीब 55% जनधन खाते महिलाओं के हैं और इनमें करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपए जमा हैं। मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना से ही बीते सालों में करीब 15 लाख करोड़ रुपए का ऋण छोटे उद्यमियों तक पहुंचा है। इसमें भी लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं हैं और 50 प्रतिशत से ज्यादा दलित, वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के उद्यमी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद 90 लाख से ज्यादा एंटरप्राइजेज को 2.4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन दिया गया है।