गूगल ने पर्सनल लोन देने वाले 453 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाया, ऐसे ऐप्स से लोन नहीं लें

मुंबई-गूगल ने पर्सनल लोन देने वाले 453 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है। ये ऐप्स कंपनी की यूजर सेफ्टी पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे थे। इनके जरिए लोन लेने वाले यूजर के डेटा से छेड़खानी भी की जा रही थी। गूगल ने बताया कि यूजर की सेफ्टी हमारे लिए सबसे ऊपर है। अगर इन्हें किसी अन्य प्लेटफॉर्म से इन्स्टॉल किया जाता है, तो डेटा सिक्योरिटी को लेकर गूगल जिम्मेदार नहीं होगा। 

गूगल ने ऐसे ऐप्स की लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हो रही है, जिसमें ऐसे 453 ऐप्स दिए गए हैं और ये प्ले स्टोर पर ओपन भी नहीं हो रहे हैं। गूगल की पॉलिसी के मुताबिक, पर्सनल लोन देने वाले ऐप्स को यूजर को सभी तरह की जानकारी देनी होगी। जैसे- पेमेंट की मिनिमम और मैक्सिमम समय-सीमा क्या है? अधिकतम ब्याज दरें क्या हैं? ग्राहकों को ये बताना होगा कि लोन की कुल लागत कितनी होगी? लोन के फीचर्स, फीस, रिस्क और बेनिफिट्स के बारे में ट्रांसपेरेंसी रहे, ताकि लोग सही फैसला ले सकें। 

जिन ऐप्स को हटाया गया है उसमें कैश, वीएन कार्ड, मनी मोर, रूपी क्लिक, कैशनाऊ, वर्ल्ड मनी, रूपी प्लस, मनी फॉर पीपल, कैश बाजार, फास्ट रूपी, कैश कैश, वन लोन, क्रेडिट बस, लोन, कैश ऑन, ईजी क्विक, ईजी, क्रेडिट, कैश काऊ, वी कैश, कैश बाउल फोन, कैश गुरू आदि हैं।   

प्ले स्टोर पर पर्सनल लोन के कई ऐप्स 

गूगल पर अभी भी पर्सनल लोन देने वाले ऐसे कई ऐप्स मौजूद हैं। जैसे ही प्ले स्टोर पर LOAN लिखकर सर्च किया जाता है, तो लंबी लिस्ट खुल जाती है। इनमें सरकारी ऐप्स के साथ कई प्राइवेट बैंक और फर्म के ऐप्स भी शामिल हैं। 

ऐप्स लोन के चलते ग्राहकों ने आत्महत्या किया 

इंस्टेंट लोन ऐप्स की वजह से कुछ आत्महत्या के मामले भी सामने आए हैं। वहीं, दिसंबर में इंस्टेंट मनी लेंडिंग ऐप घोटाले में हैदराबाद और गुड़गांव से 19 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। तेलंगाना में लॉकडाउन के दौरान 28 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी नौकरी खो दी थी। उसने कर्ज लिया, लेकिन चुका नहीं पाया। ऐसे में कर्ज चुकाने के लिए किसी ऐप से इंस्टेंट लोन लिया। जब ऐप का लोन नहीं चुका पाया, तब रिकवरी एजेंट उसके पीछे लग गए। उसे बार-बार मैसेज भेजने लगे। उसके कॉल लिस्ट के लोगों को फोन करने लगे। परेशान होकर उसने दिसंबर में सुसाइड कर लिया। 

इंदौर की एक महिला ने ऐप से 20,000 रुपए का लोन लिया था। जब लोन की EMI मिस हो गई, तो उसे परेशान करना शुरू कर दिया गया। उसके फोटो को शेयर किए जाने लगे। धमकी दी गई कि कलेक्शन के लिए एजेंट को घर भेजेंगे। पुलिस से भी शिकायत करेंगे। उन्होंने महिला की कॉन्टैक्ट लिस्ट में मौजूद लोगों को भी परेशान किया। 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि लोन देने वाली किसी लिस्टेड वेबसाइट या उसके ऐप पर जाते हैं, तब यह जरूर देखें कि वो RBI से रजिस्टर्ड है या फिर RBI से रजिस्टर्ड किसी बैंक या NBFC के साथ काम कर रहा है। गूगल ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि कंपनी ऐप्स का रिव्यू करना जारी रखेगी। जिन ऐप्स को यूजर की सेफ्टी पॉलिसी का उल्लंघन करते पाया जाएगा, उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा। ऐप्स को हटाने के पहले नोटिस भी नहीं दिया जाएगा।  

दूसरी तरफ, लोन ऐप के जरिए उत्पीड़न की घटनाओं के बीच RBI ने एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया है। यह ग्रुप डिजिटल लेंडिंग के व्यवस्थित विकास के लिए सुझाव देगा। पिछले महीने RBI ने लोगों को गलत डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप के झांसे में नहीं आने के लिए चेताया था। 

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