आयुष्मान भारत योजना का आप भी ले सकते हैं लाभ, 5 लाख रुपए का मिलता है कवर
मुंबई- सरकारी हेल्थ बीमा योजना आयुष्मान भारत अब गरीबों के दायरे से बाहर निकल रही है। इस हेल्थ बीमा का लाभ अब मध्यमवर्गीय परिवारों को भी मिलेगा। 5 लाख रुपए के कवर वाली इस स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ने से देश की ज्यादा आबादी इसके दायरे में आएगी। इससे उनका सस्ता इलाज हो सकेगा।
सरकार ने स्वास्थ्य के मोर्चे पर मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा दिया है। आयुष्मान भारत योजना से देश के मध्यम वर्गीय परिवारों को भी इलाज के लिए सालाना 5 लाख रुपए का हेल्थ कवर मिल जाएगा। इससे पहले इस योजना का लाभ केवल आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोग ही उठा सकते थे। सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबीपीएमजेवाई) के तहत अपनी सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को एक जगह लाने का फैसला किया है। इस योजना को देशभर में लागू करने वाली संस्था नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) की गवर्निंग काउंसिल ने देशभर में इसके लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा। इससे यह पता चलेगा कि इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाने होंगे। अभी आयुष्मान भारत योजना का लाभ देश के 10.74 करोड़ परिवारों के 53 करोड़ लोग उठा रहे हैं। इस योजना के तहत अस्पतालों में उनका पांच लाख रुपए तक का इलाज फ्री में हो रहा है।
इन लोगों को मिलेगा फायदा
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) ने कहा कि इस योजना का दायरा बढ़ने से सबसे अधिक फायदा असंगठित सेक्टर में काम करने वाले लोगों को होगा, जो अब तक किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम से दूर थे। इस योजना से स्वरोजगार (self-employed) करने वाले, एमएसएमई सेक्टर में काम करने वाले और मध्यम वर्गीय किसानों को भी फायदा मिलेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के गवर्निंग बोर्ड ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाओं को आयुष्मान भारत योजना में शामिल (integrate) करने को मंजूरी दे दी है। इससे सरकारी और निजी क्षेत्र में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले लोगों, कंस्ट्रक्शन कार्य में लगे लोगों, सेंट्रल आर्म्ड फोर्स के जवानों और सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को इलाज में काफी सहूलियत मिलेगी। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) ने अब इस योजना को ‘the missing middle’ यानि जिन तक ये स्कीम नहीं पहुंची है, उन तक पहुंचाने के लिए भी हरी झंडी दे दी है। आयुष्मान भारत योजना के इस विस्तार से बड़े पैमाने पर उन लोगों को फायदा होगा जो संगठित सेक्टर में नहीं हैं। जो खुद का कारोबार करते हैं।
सभी हेल्थ स्कीम्स ‘आयुष्मान’ में शामिल
इसके अलावा नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) बोर्ड ने कर्मचारियों के लिए केंद्र की मौजूदा हेल्थ स्कीम्स को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में विलय को मंजूरी दे दी है। इसमें सरकार के परमानेंट और ठेके पर रखे गए कर्मचारी भी शामिल हैं।
इसके दायरे में कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, सफाई कर्मचारी, सड़क हादसे में घायल मरीज, सेंट्रल आर्म्ड फोर्स के जवान भी आएंगे। इन योजनाओं का विलय होने के बाद उन करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है जो अब तक स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में चल रहे थे। आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों खासकर बीपीएल धारक को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है। इस योजना के अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है।
सरकार बाकी बची आबादी को भी इस योजना के अन्तर्गत लाने की योजना बना है। आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2018 को बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती के दिन छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से शुरू किया था। इस योजना में दो प्रमुख तत्व शामिल हैं:- एक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, जो अब आयुष्मान भारत योजना में तब्दील हो चुकी है। इसके तहत सरकार 10 करोड़ गरीब और कमजोर परिवारों के लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों को कवर कर रही है।
इस योजना के लाभ पूरे देश में कहीं भी पैनल में शामिल निजी या सरकारी अस्पतालों में लिए जा सकते हैं। एस.ई.सी.सी डेटाबेस में दिए गए मानदंड के आधार पर यह तय किया गया है कि किसे इस योजना का लाभ उठाने का हक है। यह परिवार एस.ई.सी.सी. डेटाबेस, जिसमें गांवों और शहरों दोनों के डेटा शामिल हैं, के मुताबिक तय होंगे।