जीएसटी चोरी करनेवाले निर्यातकों का कोड होगा कैंसल, सीबीडीटी ने 71,229 करोड़ रुपए रिफंड किया

मुंबई- फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (फियो) ने सरकार को सुझाव दिया है कि वह जोखिम वाले निर्यातकों (risky exporters) को कारण बताओ नोटिस जारी करे। यह नोटिस इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (आईजीएसटी) के तहत धोखाधड़ी से रिफंड करनेवालों के खिलाफ जारी हो। बता दें कि 1377 निर्यातकों ने धोखाधड़ी से 1875 करोड़ रुपए की आईजीएसटी वापसी का दावा किया था। अब ये सभी लापता हैं। उधर सीबीडीटी ने 8 अप्रैल से लेकर 11 जुलाई तक कुल 21.24 लाख मामलों में 71 हजार 229 करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड किया है।

फियो ने शनिवार को कहा कि सरकार को इस मामले में तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी कर आगे बढ़ना चाहिए। निर्यातकों के शीर्ष संघ के चेयरमैन शरद कुमार सराफ ने कहा कि अगर वे जवाब नहीं देते हैं तो डीजीएफटी को उनके आयात निर्यात कोड को निलंबित करने की कार्रवाई शुरू करनी चाहिए जिससे वे आगे के निर्यात/आयात के लिए अयोग्य हो जाएं। अब वक्त आ गया है कि अधिकारियों को सरकारी धन की वसूली के लिए उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू करनी चाहिए।

रिस्की एक्सपोर्टर्स को कस्टम विभाग द्वारा फर्जी चालानों के आधार पर अपनी ड्यूटी ड्रॉबैक और आईजीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए संदिग्ध के रूप में देखा जाता है। उनके कंसाइनमेंट उनके क्लेम को वापस करने से पहले मैनुअल चेकिंग से गुजरती है।

फियो ने कहा कि 1377 निर्यातकों ने धोखाधड़ी से 1875 करोड़ रुपए की आईजीएसटी वापसी का दावा किया है। अब उनका कोई अता- पता नहीं है। इसने यह भी कहा कि यह बात सच है कि ऐसे रिस्की एक्सपोर्टर्स जिनका कोई अता पता नहीं है, उनकी संख्या बाकी एक्सपोर्टर्स की संख्या से काफी कम है। परंतु यह सरकारी मशीनरी का दायित्व है कि वह ऐसे जालसाज एक्सपोर्टर्स का पता लगाएं और उन्हें इसका दंड दे।

आईईसी के लिए आवेदन करने से पहले हर निर्यातक का पैन और बैंक खाता होता है। बैंक खाता खुलवाने के लिए जरूरी केवाईसी के अलावा बैंक किसी दूसरे ग्राहकों या ग्राहक उसे इंट्रोडक्शन देने के लिए कहते हैं। विदेश व्यापार महानिदेशालय, आईईसी के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की तस्वीर सहित उनके ईमेल, टेलीफोन और बैंक विवरण भी रखता है। निर्यातकों को ईमेल और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने के लिए जीएसटी पंजीकरण भी होना आवश्यक है जो इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से क्रॉस वेरिफाइड है।

फियो ने कहा कि ये निर्यातक कुछ निर्यात संवर्धन परिषदों (export promotion councils ) या अन्य कमोडिटी बोर्ड के सदस्य भी हो सकते हैं जो उनके पास उपलब्ध आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने में भी मदद कर सकते हैं। सराफ ने कहा कि हमें उपलब्ध जानकारी को इकठ्ठा करने की जरूरत है और सभी एजेंसियों को एक साथ मिलकर उनका पता लगाना चाहिए।

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