तीन सालों में रेरा ने 48,556 शिकायतों का निपटारा किया, एक साल में 57 प्रतिशत केस को रिजॉल्व किया
मुंबई- देश भर में घर खरीदने वालों की शिकायतों के लिए गठित रेगुलेटर रेरा को तीन साल पूरे हो गए। इस दौरान रेरा ने ग्राहकों की कुल 48,556 शिकायतों का निपटारा किया। हाउसिंग एवं अर्बन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2020 तक कुल शिकायतों में से करीबन 57 प्रतिशत शिकायतें एक काल में निपटाई गई। इनकी संख्या 27,581 थी।
आंकड़ों के मुताबिक इस मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर रहा है। यहां से कुल 18,509 मामले प्रदेश के रेरा को मिले। इसमें से 5,989 मामले पिछले साल मिले थे। हरियाणा दूसरे नंबर पर रहा है। यहां ग्राहकों ने कुल 9,919 मामले बिल्डरों के खिलाफ दर्ज कराए। इसमें से 3,123 मामले 2019 में दर्ज कराए गए थे। महाराष्ट्र रेरा के पास कुल 7,883 शिकायतें मिली थीं, जिनका निपटान किया गया।
आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान प्रोडेक्ट और एजेंट रजिस्ट्रेशन भी अच्छा बढ़ा। एक साल में इसमें 24 प्रतिशत और 20 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। रेरा के तहत प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में 2019 जुलाई तक 43,208 प्रोजेक्ट थे। जबकि 2020 जुलाई तक यह संख्या बढ़कर 53,364 हो गई। जिन राज्यों में ज्यादा प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड कराए गए उसमें महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु शामिल है। इन सात राज्यों का हिस्सा प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में 85 प्रतिशत है। संख्या के मामले में यह 45,278 है। महाराष्ट्र शीर्ष पर है जहां पर 25,604 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं।
दिलचस्प यह है कि उत्तर प्रदेश में प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में सालाना 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जुलाई 2019 में 2767 प्रोजेक्ट यहां रजिस्टर्ड हुए थे। वर्तमान में यह आंकड़ा 2,818 है। शीर्ष सात राज्यों में तेलंगाना सबसे आगे है जहां 79 प्रतिशत की प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में वृद्धि दिखी है। 2019 जुलाई में 1,064 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड थे जो 2020 जुलाई में 1,902 हो गए। तमिनलाडु में 54 प्रतिशत की वृद्धि दिखी है और यहां 1,635 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुआ है। 2019 में यह 1,064 था।
एजेंटों के रजिस्ट्रेशन की बात करें तो सालाना आधार पर इसमें 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2019 जुलाई तक 34,182 एजेंट रजिस्टर्ड हुए जो जुलाई 2020 में 41,143 हो गया। आंकड़े बताते हैं कि एजेंट और प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन में महाराष्ट्र नंबर एक पर है। 4 जुलाई 2020 तक महाराष्ट्र में कुल 25,604 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए जबकि 23,999 एजेंट रजिस्टर्ड हुए। गुजरात में 7,210 प्रोजेक्ट और 1,178 एजेंट, कर्नाटक में 3,446 प्रोजेक्ट और 1,916 एजेंट रजिस्टर्ड हुए। उत्तर प्रदेश में 2,818 प्रोजेक्ट और 3,808 एजेंट रजिस्टर्ड हुए। मध्य प्रदेश में 2,663 प्रोजेक्ट और 677 एजेंट, छत्तीसगढ़ में 11,42 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए। जबकि राजस्थान में 1,243 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हुए।