बुढ़ापे में अपने घर से ऐसे कर सकते हैं हर महीने की कमाई
मुंबई– बुढ़ापे में कई लोगों को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्थिति तब और बुरी हो जाती है जब बुजुर्ग पति-पत्नी अपने घर में अकेले रह रहे हों। ऐसे में रिवर्स मोर्गेज लोन स्कीम बहुत काम की साबित हो सकती है।
रिवर्स मार्गेज लोन आम होम लोन से ठीक उल्टे प्रकार में काम करता है। यानी कि जैसे होम लोन में हर महीने बैंक या वित्तीय संस्थान को किश्त भरनी पड़ती है, उसके विपरीत रिवर्स मार्गेज लोन में वित्तीय संस्थान/बैंक घर को गिरवी रखकर हर महीने एक निश्चित रकम देते हैं और लोन आवेदक को उसी घर में रहने की भी मंजूरी भी रहती है। इस तरह बुढ़ापे में आपका अपना घर ही आपको हर महीने कमाई करा सकता है जिससे आपको आर्थिक चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
रिवर्स मोर्गेज लोन स्कीम के फायदों की बात करें तो इसमें बहुत कम दरों पर ब्याज लगता है। प्रोसेंसिग फीस कम चुकानी होती है। प्री-पेमेंट पर कोई पेनाल्टी नहीं चुकानी होती है। बैंक से मिलने वाली आय टैक्स फ्री होतीहै। हालांकि लोन अवधि के अंत में रीपेमेंट पर यह राशि डिडक्टिबल के तौर पर कंसीडर नहीं होगा। अगर बैंक से मिलने वाली आय से घर में कोई निर्माण कार्य कराया गया है तो उस राशि पर डिडक्शन का लाभ मिलता है।
भारतीय नागरिकों को ही इस स्कीम का फायदा मिलेगा। अगर एक ही व्यक्ति है तो न्यूनतम उम्र 60 वर्ष होनी चाहिए। अगर संयुक्त रूप से कर्ज ले रहे हैं तो जीवनसाथी की उम्र कम से कम 58 वर्ष होनी चाहिए। कर्ज लेने वाले की उम्र के मुताबिक 10-15 साल की अवधि के लिए लोन मिलेगा। न्यूनतम 3 लाख रुपये और अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक का कर्ज मिल सकता है।
प्रोसेसिंग फीस- लोन राशि का 0.5 फीसदी, न्यूनतम 2 हजार रुपये और अधिकतम 20 हजार रुपये। टैक्स अलग से लगेगा। लोन सैंक्शन होने के बाद की फीस- लोन एग्रीमेंट व मार्गेज पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी, प्रापर्टी इंश्योरेंस प्रीमियम और सीईआरएसएआई रजिस्ट्रेशन फीस भी चुकानी होगी। घर बेहतर स्थिति में होना चाहिए और उस पर लोन आवेदक का पूरा मालिकाना हक होना चाहिए। कॉमर्शियल प्रयोग वाली प्रापर्टी पर यह लोन नहीं मिलेगा।