सरकार इस बार भी लाएगी राहत पैकेज, कई सेक्टर्स के लिए कर सकती है घोषणा

मुंबई– कोविड की दूसरी लहर यानी कोविड 2.0 को रोकने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों ने घरेलू स्तर पर लॉकडाउन लगाया है। इसके कारण अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है। अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए केंद्र सरकार सबसे प्रभावित सेक्टर्स के लिए प्रोत्साहन पैकेज तैयार कर रही है। इस मामले से वाकिफ सूत्रों के हवाले से ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 

वित्त मंत्रालय कोविड 2.0 से बुरी तरह प्रभावित टूरिज्म, एविएशन और हॉस्पिटैलिटी जैसी इंडस्ट्री में तेजी लाने के लिए प्रस्ताव पर काम कर रही है। इसमें स्मॉल एंड मीडियम साइज कंपनीज को भी शामिल किया जा सकता है। अभी इस प्रस्ताव पर प्रारंभिक स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। इस प्रस्ताव की घोषणा को लेकर कोई टाइमलाइन तय नहीं हुई है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस संबंध में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। 

दूसरी लहर ने भारत को कोविड-19 महामारी का ग्लोबल हॉटस्पॉट बन दिया है। भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जैसा सख्त लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन मार्च में कोविड के केस बढ़ने के बाद ट्रैवलिंग पूरी तरह से बंद हो गई है। देश में कोरोना के रोजाना केस 2 लाख से पार होने के बाद कई राज्यों ने स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाई थीं। इसमें सबसे ज्यादा इंडस्ट्री वाले महाराष्ट्र और तमिलनाडु भी शामिल हैं। 

कोरोना की दूसरी लहर के कारण 1 अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष के लिए अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने ग्रोथ का अनुमान भी घटा दिया है। बेरोजगारी दर बढ़ने और बचत कम होने के कारण डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना कम ही दिख रही है। हालांकि, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने चालू वित्त वर्ष में 12.5% ग्रोथ का अनुमान जताया है। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्रोथ रेट 10.5% रहने का अनुमान जताया है। 

केंद्र सरकार ने कोविड के प्रतिकूल आर्थिक असर से निपटने के लिए पिछले साल मई में 20.97 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। 5 चरणों में की गई इस घोषणा में लगभग सभी सेक्टर्स को राहत दी गई थी। इसके अलावा आरबीआई ने भी कारोबारों को राहत देने के लिए लोन मोरेटोरियम, लोन री-स्ट्रक्चरिंग, कुछ सेक्टर्स को लोन के लिए फंड का आवंटन जैसी घोषणाएं की थीं। अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए पिछले साल दिवाली से पहले भी केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए कई घोषणाएं की थीं। 

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