रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में अभी भी मिल सकता है 19 प्रतिशत का रिटर्न

मुंबई- रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर शुक्रवार को 3.70 प्रतिशत बढ़कर 1,911 रुपए पर बंद हुआ। ब्रोकरेज और विश्लेषक रिलायंस इंडस्ट्रीज पर अभी भी ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं। क्योंकि कंपनी कर्ज मुक्त है। साथ ही एक दूसरी रिलायंस के रूप में जियो तैयार हो गई है। इस तरह से रिलायंस में अभी भी 19 प्रतिशत का रिटर्न मिलने की संभावना जताई जा रही है।

जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने ऑयल टू टेलीकॉम बन चुकी इस कंपनी के शेयर को ‘खरीदने’ के साथ इसका लक्ष्य 2,200 रुपए कर दिया है। पहले यह लक्ष्य 1,900 रुपए था। ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि भारत की ऑयल और गैस कंपनी आरआईएल पसंदीदा शेयर है। आरआईएल छह साल से बेंचमार्क निफ्टी से बेहतर प्रदर्शन कर रही है। मार्च में गिरावट के बाद से आरआईएल निफ्टी के 41 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 110 प्रतिशत का लाभ दिया है। नोमुरा ने कहा कि 2014 के अंत से जब यह चक्र शुरू हुआ, आरआईएल निफ्टी के 30 प्रतिशत के मुकाबले 4.1 गुना आगे है।

ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक मार्केट तेजी में है। वैल्यूएशन बढ़ रहा है। हमारा मानना है कि यह आउटपरफॉर्मेंस बनाए रखा जा सकता है। कमजोर वित्त वर्ष 2021 (लड़खड़ाते ऊर्जा व्यापार, कोविड प्रभाव) के बावजूद, हम वित्त वर्ष 2020 से 2023 की कंसोलिडेटेड आय में 29 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि की उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, निवेशकों की मांग कंज्यूमर बिजनेस के लिए मजबूत है।

नोमुरा ने कहा कि हालांकि आरआईएल में संस्थागत होल्डिंग बढ़ रही है। हमारा मानना है कि निफ्टी में आरआईएल के बढ़ते वजन के बावजूद, इसकी कम ओनरशिप है। ब्रोकरेज हाउस ने मौजूदा कमजोर रिफाइनिंग/केमिकल मार्जिन के कारण वित्त वर्ष 21/22 के आय के अनुमानों में 16 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की कटौती की है। ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि फेसबुक और गूगल के साथ बड़ी हिस्सेदारी बिक्री और स्ट्रेटेजिक टाई-अप के साथ जियो के आउटलुक में काफी सुधार हुआ है। हम जियो के लिए अपने इबिट्डा मल्टीपल को 11 गुना (पहले 9 गुना) तक बढ़ाते हैं। नोमुरा ने कहा, स्टॉक फिलहाल 14.9 गुना पी/ई पर ट्रेड करता है।

नोमुरा ने कहा कि आरआईएल का आउटपरफॉर्मेंस भी जियो और रिटेल के नए कंज्यूमर कारोबार में तेज ग्रोथ से प्रेरित रहा है। वित्तीय वर्ष 2020 में लगभग 49 प्रतिशत वृद्धि के साथ आरआईएल के कुल इबिट्डा में कंज्यूमर बिजनेस का योगदान बढ़कर वित्त वर्ष 2020 में 35 प्रतिशत हो गया। 2017 में यह 3 प्रतिशत था। ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि हमें लगता है कि एनर्जी बिजनेस की तुलना में निवेशक इस बात पर ज्यादा जोर दे रहे हैं कि नए बिजनेस में ज्यादा वैल्यूएशन है।

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