दोगुना मुनाफे के बाद भी रिलायंस के नतीजे से खुश नहीं निवेशक, शेयर 3 पर्सेंट टूटा
मुंबई– देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के शेयरों में आज 3 पर्सेंट की भारी गिरावट है। शुक्रवार को ही इसने चौथी तिमाही के रिजल्ट जारी किए थे। रिजल्ट बाजार बंद होने के बाद आया था। इसलिए आज उम्मीद थी कि शेयरों में अच्छा इजाफा दिखेगा, क्योंकि मुनाफे में दोगुना की बढ़त थी। पर आज इसके शेयरों में भारी गिरावट है।
आज सुबह रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1,963.70 रुपए पर खुला था। शुक्रवार को यह 1,994 रुपए पर बंद हुआ था। आज यह दोपहर तक करीबन 3 पर्सेंट टूट कर 1943 रुपए पर पहुंच गया है। इससे ऐसा लगता है कि निवेशक इसके रिजल्ट से खुश नहीं हैं। कुछ ब्रोकरेज हाउस तो अब इस शेयर का लक्ष्य इससे भी नीचे रख रहे हैं।
रिलायंस के नतीजों की बात करें तो इसका चौथी तिमाही में शुद्ध फायदा 14,995 करोड़ रुपए था। जो जनवरी-मार्च 2020 में 6,438 करोड़ रुपए था। यानी उसकी तुलना में मुनाफे में दोगुना बढ़त रही है। इसकी आय की बात करें तो यह 1.54 लाख करोड़ रुपए रही है जो कि पिछले साल की तुलना में 11 पर्सेंट अधिक है। इसकी टेलीकॉम से लेकर रिटेल और मीडिया सहित अन्य सभी बिजनेस ने अच्छा प्रदर्शन किया। पर इसके शेयरों पर दबाव रिजल्ट से पहले और रिजल्ट के बाद भी दिख रहा है। रिजल्ट से पहले शुक्रवार को इसमें करीबन डेढ़ पर्सेंट की गिरावट आई थी। जबकि गुरुवार को भी इसमें गिरावट दिखी थी।
कंपनी ने 7 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड जरूर घोषित किया, लेकिन यह भी निवेशकों को रास नहीं आया। शेयरों में गिरावट के वैसे तो कई कारण हैं। लेकिन सबसे बड़ा कारण यह है कि विश्लेषकों की उम्मीद पर कंपनी का प्रदर्शन नहीं रहा है।
पिछले साल दरअसल रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जियो टेलीकॉम में हिस्सेदारी बेचकर 1.52 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। जबकि रिटेल में हिस्सेदारी बेच कर इसने 47 हजार करोड़ रुपए जुटाया था। इस तरह से इतनी बड़ी रकम जुटाने के बाद भी कंपनी उन निवेशकों के लिए कुछ खास योजना नहीं बना पाई। हालांकि कंपनी के पास जो नकदी है और इसका जो कर्ज है, दोनों को अगर देखें तो कंपनी कर्जमुक्त है।
कर्जमुक्त होने, 2 लाख करोड़ रुपए की रकम जुटाने और बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद इसका शेयर पिछले करीन 8-10 महीने से दबाव में प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि इसी दौरान अगर देखा जाए तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई के सेंसेक्स ने मार्च तक बेहतरीन प्रदर्शन किया था। अप्रैल के महीने में सेंसेक्स में जरूर गिरावट आई, पर रिलायंस के शेयरों में उससे ज्यादा गिरावट पिछले 8-10 महीनों में देखी गई।