ब्लिंकट में शुरू हुई दिक्कतें, समय पर नहीं मिल रहा है लोगों को ऑर्डर  

मुंबई- सामान पहुंचाने वाली ब्लिंकिट इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रही है। अगर आप दिल्ली-एनसीआर में हैं और ब्लिंकिट से ग्रोसरी ऑर्डर कर रहे हैं तो हो सकता है आपका ऑर्डर टाइम पर ना पहुंचे। कई इलाकों में तो ब्लिंकिट की सर्विस तक बंद हो चुकी है। जोमैटोके मालिकाना हक वाली कंपनी ब्लिंकिट के डिलीवरी राइडर्स उससे नाराज है।  

खबर तो ये है कि करीब 1000 नाराज राइडर्स ने कंपनी का साथ छोड़कर स्विगी, जेप्टो, बिग बास्केट जैसी क्विक-ईकॉमर्स कंपनियों का हाथ थाम लिया है। लोगों तक 10 मिनट में सामान पहुंचाने वाली ब्लिंकिट ने अपने डिलीवरी एजेंट्स का इंसेंटिव कम कर दिया, जिसके बाद से वो मुश्किल में फंसती जा रही है।  

दिल्ली-एनसीआर में 1000 से ज्यादा राइडर्स ने ब्लिंकिट का साथ छोड़कर दूसरी कंपनियों के साथ चले गए। मुनाफा कमाने में जुटी ब्लिंकिट पर उसकी अपनी ही चाल उल्टी पड़ गई। जो कंपनी लगातार ग्रोथ कर रही थी, अचानक उसने ऐसा फैसला ले लिया, जिसने उसे मुसीबत में डाल दिया है। जिन लोगों पर कंपनी की पूरी नींव टिकी है कंपनी ने उन्हें ही नाराज कर दिया। 

अप्रैल के शुरुआती हफ्ते में कंपनी ने घोषणा करते हुए डिलीवरी पार्टनर्स को दूरी आधारित हिसाब पर आधारित मानक से 15 रुपये प्रति ट्रिप देने का फैसला किया। अब तक राइडर्स को प्रति डिलीवरी 25 रुपये मिल रहे थे, जिसे कंपनी ने घटाकर 15 रूपए कर दिया। इतना ही नहीं कंपनी ने पीक आवर के राइडर्स को मिलने वाले 7 रुपये इंसेटिव को भी खत्म कर दिया। यानी जिस डिलीवरी के लिए पहले उन्हें 25 रुपये मिल रहे थे, अब वो सीधे 10 रुपये कम हो गए। इस बात से डिलीवरी एजेंट्स में नाराजगी है। 

इसके डिलीवरी ब्वाय कहते हैंकि ब्लिंकिट के इस फैसले से उसे घर चलाने में परेशानी हो रही है। महंगाई बढ़ रही है, लेकिन कंपनी ने इंसेटिव बढ़ाने के बजाए कमाई पर कैंची चला दी। उसने बताया कि एक साल पहले तक सब ठीक था। कंपनी के साथ काम करने में अच्छा लग रहा था। डिलीवरी के लिए उन्हें 50 रुपये तक मिल जाते थे। कभी-कभी तो कंपनी पेट्रोल के लिए अलाउंस तक दे देती थी, लेकिन अब धीरे-धीरे कंपनी ने सब बंद कर दिया है।  

पहले डिलीवरी के लिए भुगतान को 50 रुपये से घटाकर 25 रुपये कर दिया और अब 15 रुपये कर दिया है। एक साल पहले तक जहां 20 से 25 हजार रुपये तक की कमाई हो जाती थी, वो घटकर आधी हो गई है। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो गया है। उसने कंपनी पर धोखा देने का आरोप लगाया। हालांकि अब उसने ब्लिंकिट का साथ छोड़ दिया है और बिग बास्केट के लिए काम कर रहा है। 

आपके घर तक 10 मिनट में सामान पहुंचाने का दावा करने वाली ब्लिंकिट ने जब शुरुआत की थी तो कस्टमर से डिलीवरी चार्ज नहीं वसूलती थी। लेकिन कुछ महीनों बाद उसने सर्विस चार्ज के अलावा डिलीवरी चार्ज, हैंडलिंग चार्ज वसूलना शुरू कर दिया। अगर आप 150 रुपये से कम का सामान ऑर्डर करते हैं तो ब्लिंकिट आपसे 30 रुपये डिलीवरी चार्ज, 2 रुपये हैंडलिंग चार्ज वसूलती है। अगर आपका ऑर्डर 150 रुपये से अधिक का है तो ये डिलीवरी चार्ज 15 रुपये और 2 रुपये हैंडलिंग चार्ज पे करना होता है।  

ग्राहक से डिलीवरी चार्ज वसूलने के बावजूद कंपनी अपने राइडर्स के पेमेंट में कटौती करती जा रही है। मान लेते हैं कि आपने 150 रुपये से कम का सामान आर्डर किया। बिल अमाउंट पर 32 रुपये तो आपसे डिलीवरी और हैंडलिंग के नाम पर अतिरिक्त वसूला जाता है, लेकिन इसे आप तक पहुंचाने वाले डिलीवरी ब्वॉय को मात्र 15 रुपये मिलते हैं। 

कई बार तो कंपनी सरचार्ज तक वसूलती है। डिमांड बढ़ने पर आपके लोकेशन के हिसाब से आपसे सरचार्ज वसूला जाता है। लेकिन जो राइडर ट्रैफिक जाम, आंधी-तूफान से होते हुए आप तक सामान पहुंचाता है उसे तय भुगतान ही मिलती है। कंपनी इस तरह कस्टमर से वसूलकर अपना जेब तो भर रही है, लेकिन डिलीवरी एजेंट्स के पेमेंट में कटौती कर रही है। ब्लिंकिट के पास दिल्ली-एनसीआर में करीब 200 वेयरहाउस हैं। ये कस्टमर्स को 2-3 किलोमीटर के दायरे में सेवाएं देते हैं। कंपनी के पेमेंट प्लान में किए गए बदलाव के बाद इसके राइडर्स धीरे-धीरे ब्लिंकिट का साथ छोड़ रहे हैं। 

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