ममता बनर्जी जीतीं तो राष्ट्रीय स्तर पर मोदी का सबसे बड़ा विरोधी चेहरा होंगी
मुंबई– पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद अब नतीजों का इंतजार है। सत्ता की चाभी किस पार्टी के हाथ लगती है, यह तो 2 मई को ही पता चलेगा। पर अगर ममता बनर्जी जीतती हैं तो मोदी का वह सबसे बड़ा विरोधी चेहरा हो जाएंगी।
चुनाव पांच राज्यों में हुए हैं, लेकिन पूरे देश की निगाहें बंगाल पर लगी हैं। मोदी-शाह की जोड़ी ने बंगाल जीतने को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया, तो स्ट्रीट फाइटर दीदी ने भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ा। ममता बनर्जी के राजनीतिक भविष्य पर इस चुनाव के नतीजे क्या फर्क डालेंगे, इसे हम दो हिस्सों में बांट कर देखते हैं।
भाजपा ने बंगाल का चुनाव पूरी आक्रामकता के साथ लड़ा है। भगवा पार्टी ने राज्य में अपने सारे संसाधन झोंक दिए हैं। इस सबके बाद भी ममता अगर वेस्ट बंगाल की अपनी सरकार बचाने में कामयाब रहती हैं, तो वह राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार विरोधी गठजोड़ का नेतृत्व करने की सबसे बड़ी दावेदार बन जाएंगी।
भाजपा की ताकतवर चुनाव मशीनरी के खिलाफ जीत दर्ज कराने पर दीदी पूरे देश में यह संदेश देने में कामयाब होंगी कि मोदी-शाह की अजेय जोड़ी को उन्होंने अकेले अपने दम पर मात दे दी। ममता की जीत का असर यह भी होगा कि केंद्र में विपक्ष के गठजोड़ का नेतृत्व किसी मजूबत रीजनल पार्टी के हाथ में होना चाहिए, न कि लीडरशिप को लेकर गफलत में फंसी कांग्रेस के हाथ में। यानी बंगाल में दीदी की जीत उन्हें 2024 के आम चुनाव में विपक्षी गठजोड़ का लीडर भी बना सकती है।
राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले ही तृणमूल के कई संस्थापक नेता ( शुभेंदु अधिकारी, दिनेश त्रिवेदी) ममता का साथ छोड़ भाजपा के साथ चले गए थे। अगर ममता बनर्जी चुनाव हार जाती हैं तो उनकी पार्टी में बगावत के सुर और तेज हो जाएंगे। TMC में ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी को लेकर पार्टी का एक खेमा नाराज है। सत्ता जाने के बाद इस खेमे के कई विधायक भाजपा की ओर रूख कर सकते हैं। पार्टी पर ममता की पकड़ ढीली होने के साथ भाजपा अभिषेक बनर्जी पर करप्शन के आरोपों के सहारे दीदी की भी सियासी घेराबंदी कर सकती है जो ईमानदार छवि वाली ममता के लिए एक बड़ा झटका होगी।
इन चुनावों में कांग्रेस जहां सबसे मजबूती से लड़ती हुई नजर आई वह राज्य हैं केरल और असम। राहुल इन चुनावों में केरल में ही ज्यादा सक्रिय भी नजर आए। लेकिन, ज्यादातर एग्जिट पोल केरल में लेफ्ट फ्रंट की वापसी की बात कर रहे हैं। केरल के वरिष्ठ पत्रकार बाबू पीटर कहते हैं कि चूंकि राहुल पार्टी के बड़े नेता होने के साथ केरल से ही सांसद भी है, ऐसे में केरल की हार से उनका नाम सीधे तौर पर जोड़ा जाएगा। शुरुआत में इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि असम में कांग्रेस सत्ता में लौट सकती है। लेकिन, अभी आए एग्जिट पोल्स में असम में BJP आगे दिख रही है। तमिलनाडु में कांग्रेस DMK के साथ है जो सत्ता में वापसी करती दिख रही है। लेकिन, इस जीत का श्रेय स्टालिन को जाएगा। बंगाल में कांग्रेस दौड़ में ही नहीं है।