किसान सम्मान निधि में 1.86 करोड़ किसानों ने ली बोगस रकम, करना होगा वापस

मुंबई- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है। लेकिन, सरकार ने 12वीं किस्त जारी करने से पहले किसानों के डेटा को ‘क्लीन’ करने के लिए जैसे ही आधार लिंक करने वाला चौथा डिजिटल फिल्टर आजमाया तो लाभार्थी किसानों की संख्या पिछले 6 महीनों में 1.86 करोड़ कम हो गई। 11वीं किस्त में इस योजना का लाभ 10.45 करोड़ से अधिक किसानों को मिला, जो 12वीं किस्त में घटकर 8.58 करोड़ रह गए।

यूपी में इस चौथे फिल्टर के चलते 58 लाख किसान कम हो गए, जबकि पंजाब में यह संख्या 17 लाख से घटकर 2 लाख रह गई। 5 राज्य ऐसे हैं, जहां यह संख्या 10-15 लाख घटी है जबकि इतने ही राज्यों में लाभार्थी बढ़े हैं।दरअसल, कृषि मंत्रालय ने किसानों के डेटा को पारदर्शी बनाने के लिए तीन फिल्टर पहले से लगाए थे। लेकिन आधार लिंक्ड पेमेंट के रूप में चौथा फिल्टर लगाया तो लाभार्थियों की संख्या घटते गई।

योजना में पारदर्शिता और अपात्रों की पहचान करने के लिए किसानों का ई-केवाईसी लागू कर दिया है और आधार पेमेंट ब्रिज के जरिए भुगतान किया जा रहा है। किसानों की संख्या कम होते देख केंद्र ने राज्यों के साथ मिलकर गांव-गांव में टीम भेजने को कहा है, ताकि असली हकदार स्कीम से बाहर न हों।

किसानों का डेटा राज्य सरकार देती है। पीएम किसान पोर्टल पर लिस्ट अपडेट होती है। ये डेटा पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) व आधार नंबर पुष्टि के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) को भेजा जा रहा है। डेटा आयकर विभाग (IT) भी जांचता है ताकि उसके दायरे में आने वाले किसानों का पता चले। बैंक खाते का आधार से जुड़ाव तय करने के लिए डेटा नेशनल पेमेंट कार्पो. (NPCI) को भेजा जाता है।

फर्जी नाम की जांच के लिए जमीन के रिकॉर्ड का आधार से मिलान किया जा रहा। डेटा को यूआईडीएआई सर्वर पर भेजकर की जा रही पहचान। लाभार्थी के बैंक खाते का प्रमाणीकरण, किसान का डेटा और बैंक खाता दोनों सही है। बैंक एकाउंट प्रमाणित होने के बाद एनपीसीआई से आधार लिंक्ड भुगतान किया जा रहा।

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