लंबी अवधि में संपत्ति के निर्माण के लिए असेट अलोकेशन सबसे बेहतरीन रास्ता
मुंबई– अगर आप लंबी अवधि में एक अच्छी संपत्ति का निर्माण करना चाहते हैं तो आपको म्यूचुअल फंड के असेट अलोकेशन का रास्ता अपनाना चाहिए। हालांकि सफल निवेशक के रास्ते में डर और लालच भी आते रहता है इसलिए निवेश अक्सर गलत फैसला ले बैठते हैं। लेकिन भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने असेट अलोकेशन के प्रोडक्ट के जरिए इसे खत्म कर दिया है।
राहुल इन्वेस्टमेंट कंसलटेंसी के प्रोपराइटर आर.एन सावंत कहते हैं कि भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने डायनॉमिकली रूप से असेट अलोकेशन की स्कीम का प्रबंधन करती है। जब भी इस तरह की स्कीम में निवेश करते हैं तो यह तय रहता है कि आपका निवेश कई सारी असेट क्लास में किया जाता है। इसका कारण यह है कि अगर एक असेट क्लास का खराब प्रदर्शन होता है तो दूसरा असेट क्लास अच्छा प्रदर्शन करके उसे बराबर कर लेता है।
सावंत कहते हैं कि असेट अलोकेशन की यह स्कीम बहुत ही अलग तरीके की रणनीति के साथ निवेश करती है। निवेशक अगर ऐसी स्कीम में निवेश करना चाहते हैं तो उन्हें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के असेट अलोकेटर फंड को भी देखना चाहिए। यह फंड डेट, इक्विटी, गोल्ड ईटीएफ जैसी स्कीम में निवेश करता है। इसका मकसद सही असेट्स में सही अलोकेशन सही समय पर किया जाए और फंड मैनेजर इसके बाद इसमें सही फैसला लेता है।
वे कहते हैं कि इस फंड को चुनने का तीन प्रमुख कारण हैं जिससे लंबी अवधि में एक अच्छा पोर्टफोलियो तैयार हो सके। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह वन स्टाप सोल्यूशन जैसा है। यानी कि इसके जरिए आपका पैसा इक्विटी, डेट और गोल्ड में निवेश होता है। इसके जरिए विविधीकरण की सुविधा मिलती है जो अनुशासित तरीके से किया जाता है। इस तरह के फंड में निवेश से निवेशक इस बात से संतुष्ट हो जाता है कि फंड मैनेजर निवेश का जो फैसला लेगा वह उसके लिए लंबी अवधि में फायदेमंद हो सकता है।