रिजर्व बैंक ने मोबिक्विक की जांच का आदेश दिया, गलती पाए जाने पर भरना होगा जुर्माना

मुंबई– भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल पेमेंट फर्म मोबिक्विक को उन आरोपों की जांच करने के आदेश दिया है जिसके मुताबिक मोबीक्विक के 11 करोड़ यूजर्स का पर्सनल डाटा लीक हुआ है। RBI ने कंपनी को ये भी चेतावनी दी है कि अगर कोई भी खामी पाई गई तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा। इस तरह के मामलों में आरबीआई किसी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर पर कम से कम 5 लाख रुपए तक का जुर्माना ठोक सकता है। 

डिजिटल पेमेंट्स कंपनी मोबीक्विक में अमेरिकी कंपनी सिकोइया कैपिटल (Sequoia Capital) और भारत की कंपनी बजाज फाइनेंस की पार्टनरशिप है। हालांकि मोबिक्विक ने ग्राहकों के डेटा लीक की घटना से इनकार किया है। कंपनी को उस वक्त भी कड़ा विरोध झेलना पड़ा जब उसने डेटा लीक के बारे में सबसे पहले जानकारी देने वाले सिक्योरिटी रिसर्चर के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की धमकी दी थी। 

रिजर्व बैंक ने कंपनी को आरोपों की फॉरेंसिक ऑडिट कराने के आदेश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) कंपनी की शुरुआती प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं था। इसे लेकर उसने तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं RBI ने मोबीक्विक को आदेश दिया है कि इसकी फॉरेंसिक ऑडिट के लिए किसी एक्सटर्नल ऑडिटर को रखा जाएगा। 

हैकरों के एक समूह जॉर्डनडेवेन द्वारा एक ईमेल के जरिए  डेटाबेस लिंक भेजा गया था। इसमें डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक के फाउंडर बिपिन प्रीत सिंह और सीईओ उपासना टाकू समेत कंपनी के 11 करोड़ ग्राहकों के फोन नंबर, बैंक खाता संख्या, क्रेडिट कार्ड नंबर जैसी तमाम अहम जानकारियां ऑनलाइन लीक कर दी गई थी। वहीं अब तक की सबसे बड़ी डेटा लीक की घटना के बाद मोबिक्विक ने कहा है कि वह डेटा सेफ्टी से जुड़े सभी नियमों और कानूनों का पालन कर रही है। फिलहाल कंपनी सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ मिलकर मामले की जांच कर रही है। लेकिन डेटा में सेंधमारी के कोई सबूत अभी तक नहीं मिले हैं। 

MobiKwik एक इंडिपेडेंट मोबाइल पेमेंट नेटवर्क है। माना जाता है ये ऐप 30 लाख यूजर्स को 50,000 से ज्यादा रिटेल स्टोर्स से जोड़ता है। इस मोबाइल वॉलेट में आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिग यहां तक की डोर स्टेप कैश कलेक्शन के जरिए भी पैसा डाल सकते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *