ग्राहकों को परेशान करने वाले एसएमएस को रोकने के लिए बैंकों ने कुछ नहीं किया, ट्राई ने बनाई इनकी लिस्ट

मुंबई– टेलीकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने 40 ऐसे बैंकों की लिस्ट बनाई है जो ग्राहकों को परेशान करने वाले एसएमएस को रोकने में असफल रहे हैं। इन बैंकों में देश के बड़े बैंक जैसे कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) HDFC बैंक, ICICI बैंक आदि हैं। ट्राई ने कहा कि ग्राहकों को परेशान करने वाले मैसेज से बचाने के लिए इन बैंकों ने कुछ खास कदम नहीं उठाए हैं। इसके लिए जारी गाइडलाइन का पालन करने में फेल हो गए हैं।  

ट्राई ने कहा कि सबसे बड़े SMS सेवा देने वाली कंपनियों जैसे कि कैरिक्स, कालेयरा, गपशप, रूट मोबाइल, वैल्यूफर्स्ट तथा 35 अन्य ऐसी कंपनियां हैं जिन्हें इस लिस्ट में शामिल किया गया है। इन पर आरोप है कि इन्हें जरूरत से ज्यादा समय देने के बाद भी इन्होंने एसएमएस कंटेंट को कंट्रोल करने के लिए कुछ खास कदम नहीं उठाए।  

ट्राई ने कहा कि उन्हें ऐसा पता चला है की प्रिंसिपल एंटिटी जिनमें बड़े बैंक SBI, HDFC बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB),एक्सिस बैंक शामिल हैं। इन सभी बैंकों ने कंटेंट टेम्पलेट आईडी जैसे आवश्यक पैरामीटर की ट्रांसमीटिंग नहीं कर रहे हैं। खासकर तब जब कंटेंट टेम्पलेट रजिस्टर्ड करा दिया गया है। ट्राई ने कहा कि यह सभी ऐसी कमियां है जिन पर बैंक, टेलीमार्केट वाले जानबूझकर ध्यान नहीं दे रहे हैं।  

ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वह 1 अप्रैल से SMS को फ़िल्टर करने और पालन न करने वाले ट्रैफिक को ब्लॉक करें। क्योंकि ग्राहकों को नियामक के नियमों के लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता है। इसने बैंकिंग रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), पूंजी बाजार रेगुलेटर सेबी जैसे अन्य रेगुलेटर्स से भी अनुरोध किया है कि वे बीमा रेगुलेटर IRDAI, केंद्र और राज्य सरकार के विभाग के नियमों का पालन करने लिए अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली संस्थाओं पर दबाव डालें।  

टेलीकॉम कम्युनिकेशन कस्टमर फ्रेंड्स रेगुलेशन (TCCFR) 2018 में कमर्शियल बल्क एसएमएस भेजने वाली सभी कंपनियों को टेल्कोस के ब्लॉक चेन आधारित प्लेटफार्मों पर अपने यूनिक एसएमएस हेडर आईडी, सामग्री और ग्राहकों की मंजूरी को रजिस्टर्ड करने के लिए जरूरी बताया गया है। कोई भी SMS ट्रैफ़िक जो कठोर फ़िल्टर को पारित करने में विफल रहता है उसे वितरित नहीं किया जाएगा। साथ ही उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। क्योंकि उनका उद्देश्य ग्राहकों को धोखा देने का होता है।  

टेलीकॉम सेक्टर के विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि, इस सिस्टम ने कुछ बिजनेस कंपनियों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। 8 मार्च से लागू फिल्टर के कारण नेट बैंकिंग, ऑनलाइन रेलवे टिकट बुकिंग, ई-कॉमर्स बिक्री और SMS और OTP जैसी कई सेवाएं प्रभावित हुई थीं। फिर इसे उस समय टाल दिया गया था।  

बताया गया है कि उस दिन रोजाना SMS ट्रैफिक का 40% करीब, जो 100 करोड़ के करीब था उसे ड्राप कर दिया गया था। कुछ टेलीमार्केटिंग वालों का कहना है कि वे 1 अप्रैल को एक और SMS फेलियर देख रहे हैं क्योंकि 100 करोड़ SMS को फिल्टर करना बहुत ही मुश्किल काम है। 

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