पीपीएफ के बाद जीपीएफ ग्राहकों को भी झटका, नहीं बढ़ी ब्याज दर  

मुंबई- पीपीएफ के बाद जीपीएफ के निवेशकों को भी निराशा हाथ लगी है। सरकार ने कुछ दिन पहले कई लघु बचत योजना के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। लेकिन पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ की ब्याज दरों में अप्रैल-जून तिमाही के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया था।  

अब केंद्रीय कर्मचारियों के जनरल प्रॉविडेंट फंड (GPF) और दूसरी प्रॉविडेंट फंड स्कीम्स की ब्याज दरों की भी घोषणा कर दी गई है। वित्त मंत्रालय ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए इन योजनाओं की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। इसे 7.1 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। 

मंत्रालय ने कहा कि जीपीएफ (सेंट्रल सर्विसेज), कंट्रीब्यूटरी प्रॉविडेंट फंड (इंडिया), ऑल इंडिया सर्विसेज प्रॉविडेंट फंड, स्टेट रेलवे प्रॉविडेंट फंड, जीपीएफ डिफेंस सर्विसेज, इंडियन ऑर्डिनेंस डिपार्टमेंट प्रॉविेडेंट फंड के लिए अप्रैल-जून तिमाही में ब्याज दर 7.1 फीसदी तय की गई है। जनरल प्रॉविडेंट फंड एक तरह का प्रॉविडेंट फंड होता है। यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है।  

सभी सरकारी कर्मचारी अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा इसमें योगदान कर सकते हैं। इसमें जमा कुल राशि रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को दी जाती है। वित्त मंत्रालय हर तिमाही जीपीएफ पर ब्याज दर तय करती है। 

हाल में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर 8.15 फीसदी तय की थी। साथ ही सरकार ने कई स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। इनमें 20 से 70 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की गई थी। सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 7.6 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया गया है। लेकिन पीपीएफ पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया था। अमूमन जीपीएफ और पीपीएफ पर ब्याज दर एक बराबर होती है। इसलिए पीपीएफ की ब्याज दर में बढ़ोतरी नहीं होने के बाद माना जा रहा था कि जीपीएफ की ब्याज दर में भी कोई बदलाव नहीं होगा। 

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