बीमा में गारंटीड रिटर्न देने वाले मिलेंगे ढेर सारे प्रोडक्ट, जानिए क्या हैं प्रोडक्ट

मुंबई– पेंशन फंड रेगुलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) रिटायरमेंट बेनेफिट वाले इनोवेटिव उत्पादों पर काम कर रही है। इसमें उपभोक्ताओं को निश्चित रिटर्न वाले बीमा उत्पाद शामिल करना है। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को आकर्षित करना है। PFRDA के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने यह बात कही है। 

बंदोपाध्याय ने कहा कि नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) के अलावा हम इनोवेटिव बीमा उत्पाद पेश करने जा रहे हैं। बंदोपाध्याय ने इंस्टीट्यूट ऑफ एक्चुरीज ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित वर्चुअल एक्चुरियल कॉन्क्लेव में बोलते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए यह इनोवेटिव उत्पाद पेश किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सबसे पहले निश्चित रिटर्न वाले उत्पाद को पेश करने का लक्ष्य तय किया है। 

PFRDA के चेयरमैन ने कहा कि मौजूदा पेंशन फंड मार्क-टू-मार्क (MTM) अकाउंटिंग मैथड के अनुसार मैनेज किए जाते हैं। इसीलिए यह गारंटी देते हैं। उन्होंने बीमा उत्पादों की डिजाइनिंग के लिए नई स्किल और विचारों को आगे आने के लिए कहा। बंदोपाध्याय ने एक्चुरियल प्रोफेशनल्स से आग्रह किया कि वे नए बीमा उत्पादों की डिजाइनिंग में PFRDA की मदद करें। 

सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने कहा कि PFRDA पेंशन में एन्युटी रेट बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। इससे सब्सक्राइबर्स को NPS से बाहर निकलने पर ज्यादा दर पर रिटर्न मिलेगा। मौजूदा समय में NPS से बाहर निकलने पर केवल एक विकल्प मिलता है। इसके तहत सब्सक्राइबर को रिटायरमेंट कॉर्पस का 40% एन्युटीइज्ड किया जाता है। उन्होंने कहा कि बाजार के ब्याज दर निर्भर एन्युटी रेट मौजूदा समय में नीचे गिर रहा है। 

उन्होंने कहा कि कम एन्युटी रेट के कारण पुराने जमाने के लोगों की पेंशन उत्पादों के प्रति दिलचस्पी घट रही है। बंदोपाध्याय ने कहा, ‘क्या हम ऐसे उत्पाद उपलब्ध करा सकते हैं जिनमें एन्युटी रेट बाजार के बेंचमार्क से जुड़ा हो?’ उन्होंने कहा कि रेगुलेटर मौजूदा एन्युटी को पेआउट का विकल्प उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। 

PFRDA चेयरमैन ने कहा कि फरवरी के अंत में वार्षिक आधार पर NPS और APY में 20% की ग्रोथ रही है। इस समय APY से 3 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर जुड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जब आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ था, तब भी अकेले APY से 70 लाख से ज्यादा नए सब्सक्राइबर जुड़े। 

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