आईसीआईसीआई लोम्बार्ड ने कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स लॉन्च किया

मुंबई– दुनिया एक साल पहले की तुलना में अब काफी बदल गई है। कई कारोबार अब एक नई हकीकत से जूझ रहे हैं और परिचालन की चुनौतियों, सप्लाई चेन में उथल-पुथल, साइबर खतरों, राजस्व की कमी और हाइब्रिड वर्किंग कल्चर जैसे मुद्दों का सामना कर रहे हैं। इन हालातों ने कॉरपोरेट दुनिया में रिस्क मैनेजमेंट की तलाश और इसे लागू करने की जरूरत बढ़ा दी है।  

इस जरूरत को पूरा करने के लिए देश की अग्रणी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में से एक आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इश्योरेंस ने ‘कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स’ लॉन्च किया है। कंपनी ने रिस्क का पता करने वाले टूल विकसित करने के लिए अग्रणी मैनेजमेंट कंस्लटिंग फर्म Frost and Sullivan के साथ मिलकर काम किया है। 

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के एमडी और सीईओ भार्गव दासगुप्ता ने कहा कि प्रभावी रिस्क मैनेटमेंट की शुरुआत ऐसे टूल्स से होती है, जिनसे रिस्क को आंका जा सके। जब हम रिस्क यानी जोखिम कम करने के तौर-तरीके अपनाते हैं तो हमें इन बुनियादी चीजों को पहले ठीक करना होगा। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में हम कोशिश करते हैं कि रिस्क मैनेजमेंट के उभरते फील्ड में कुछ न कुछ योगदान करते रहें। हमारा ‘कॉरपोरेट इंडिया रिस्क इंडेक्स इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। हमारी यह पहल भारतीय कॉरपोरेट कंपनियों को जोखिम के बेहतर आकलन करने और उनसे निपटने की तैयारियों को समझने में मददगार साबित होगी। इससे वह प्रभावी जोखिम प्रबंधन के तौर-तरीकों को अपना सकेंगे। 

अपने डेब्यू संस्करण में कॉरपोरेट इंडिया का रिस्क इंडेक्स 57 पर है। इसका मतलब है कि जोखिम को संभालने के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों में मजबूती लानी होगी। यह स्कोर बताता है कि भारतीय कंपनियां सही राह पर हैं लेकिन उभरते जोखिमों से निपटने के लिए ज्यादा मुस्तैदी दिखानी होगी। भारत की ज्यादातर कॉरपोरेट कंपनियों की जोखिम प्रबंधन स्ट्रेटजी मुख्य तौर पर कोविड से प्रभावित परिचालन और प्राकृतिक आपदाओं को मैनेज करने पर केंद्रित है। हालांकि जिस तरह से अभी मार्केट, टेक्नोलॉजी से जुड़े, अपराध और सिक्योरिटी रिस्क मैनेज किए जा रहे हैं, उसमें सुधार की काफी गुंजाइश है। 

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