विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 1.90 लाख करोड़ का किया निवेश

मुंबई– विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने जनवरी 2020 से जनवरी 2021 के अभी तक के शेयर बाजार के कारोबार में 1.90 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस साल जनवरी में अभी तक कुल शुद्ध निवेश 24,469 करोड़ रुपए रहा है। यह लगातार चौथा महीना है, जब FII लगातार निवेश कर रहे हैं।  

आंकड़े बताते हैं कि भारतीय शेयर बाजार की तेजी में इन निवेशकों का बहुत बड़ा योगदान है। हालांकि ये निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था और आगे के सुधार को लेकर काफी उम्मीद रखे हैं। बड़े बाजारों में उनको सबसे ज्यादा रिटर्न भारतीय बाजार में मिला है। 21 जनवरी को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 50 हजार को टच किया। यह इसका ऐतिसाहिक रिकॉर्ड है। हालांकि यह इस लेवल पर टिक नहीं पाया।  

जनवरी 2020 से अब तक देखें तो सेंसेक्स करीबन 20% बढ़ा है। जनवरी 2020 में बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन (M-Cap) 155 लाख करोड़ रुपए था। अब यह 194 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। हालांकि यह 199 लाख करोड़ तक जा चुका है। इस तरह से एक साल में मार्केट कैपिटलाइजेशन में 44 लाख करोड़ रुपए की बढ़त देखी गई है।  

बाजार की तेजी पूरी तरह से लिक्विडिटी पर टिकी है। केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तमाम योजनाएं और विदेशी निवेशकों के निवेश से सिस्टम में काफी पैसा है। रिजर्व बैंक ने लाखों करोड़ डॉलर की रकम सिस्टम में कोरोना से निपटने के लिए डाली थी।  

उभरते हुए बाजारों में सबसे ज्यादा विदेशी पैसा भारतीय बाजार में आया है। कोविड के कम होते असर, आय में सुधार, अर्थव्यवस्था के आंकड़ों में सुधार और राहत पैकेज जैसे तमाम उपाय ने इसमें मदद की। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने FII की तुलना में उलटी चाल चले हैं। इन्होंने इसी अवधि में 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम निकाली है। यानी इतने मूल्य के शेयर बेच दिए हैं।  

जानकारों का मानना है कि विदेशी निवेशकों का रुझान इस साल भी 2020 के जैसे ही रह सकता है। हालांकि डेट बाजार में से उन्होंने जरूर पैसे निकाले हैं। आगे जिस तरह की अर्थव्यवस्था में उम्मीद है, बजट है और अप्रैल के बाद से कोरोना का असर कम होगा, एफआईआई का निवेश बढ़ता जाएगा। हालांकि शेयरों का वैल्यूएशन जरूर महंगा है, पर इनकी कीमतों में लगातार बढ़त हो रही है। भारतीय बाजार की तेजी में करीबन सभी सेक्टर शामिल रहे हैं। इसमें आईटी और फार्मा सेक्टर का योगदान 69% और 58% रहा है। बीएसई का मिड कैप 27% और स्मॉल कैप 36% बढ़ा है।   

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *