दिसंबर तिमाही में 7.2% बढ़ सकता है आईटी कंपनियों का प्रॉफिट, TCS के नतीजे 8 जनवरी को

मुंबई- कोविड-19 का असर कम होने के बाद इस तिमाही में अर्थव्यवस्था में मांग तेजी से बढ़ी है। भारतीय आईटी कंपनियों ने देश-विदेश में बड़े सौदे भी किए हैं। इस बदले हुए ट्रेंड का असर आईटी कंपनियों के नतीजों पर भी दिखेगा। देश की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS 8 जनवरी को अपना रिजल्ट जारी करेगी। इसी के साथ नतीजों के सीजन की भी शुरूआत हो जाएगी। भारत का आईटी सेक्टर 14 लाख करोड़ रुपए का है और GDP में योगदान 7.7% है। 

10 प्रमुख कंपनियों का रेवेन्यू 4.6% बढ़ने की उम्मीद 

ब्रोकरेज फर्म ICICI डायरेक्ट का आकलन है कि दिसंबर तिमाही में TCS और इन्फोसिस समेत प्रमुख 10 IT कंपनियों का कुल रेवेन्यू 4.6% बढ़कर 1.19 लाख करोड़ रुपए और प्रॉफिट 7.2% बढ़कर 21 हजार करोड़ रुपए हो सकता है। L&T इन्फोटेक और माइंडट्री जैसी छोटी कंपनियों की रेवेन्यू ग्रोथ अधिक रहेगी। यह 10% तक जा सकता है। 

हालांकि दिसंबर तिमाही में बड़ी आईटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन सेंसेक्स की तुलना में कमजोर रहा है। तीन महीने में सेंसेक्स तो 23% बढ़ा, लेकिन टीसीएस और इन्फोसिस के शेयर भाव सपाट रहे। एचसीएल टेक ने भी 16% का ही रिटर्न दिया। विप्रो जरूर इंडेक्स के बराबर 23% रिटर्न देने में सफल रहा। निर्मल बंग के अनुसार इसकी एक वजह यह है कि तिमाही शुरू होने से पहले ही आईटी कंपनियों के शेयर काफी बढ़ गए थे। उस समय कोविड संकट के दौरान एनपीए बढ़ने की आशंका के चलते निवेशकों ने बैंकिंग शेयरों से पैसे निकाले थे। माना जा रहा है कि उन्होंने इस पैसे को आईटी शेयरों में लगाया। लेकिन अब फिर आईटी शेयरों की मांग बढ़ने लगी है। 

2021-21 में रेवेन्यू 10% से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद 

कोविड के बाद कंपनियों का जोर ऑटोमेशन पर है, इससे आईटी कंपनियों की मांग बढ़ने के आसार हैं। ब्रोकरेज फर्म निर्मल बंग सिक्युरिटीज के अनुसार बीते छह महीने में एक्सेंचर का ऑर्डर 16% और टीसीएस का 28% बढ़ा है। इन्फोसिस और विप्रो जैसी कंपनियों ने कई बड़े सौदे किए हैं। टीसीएस ने डायचे बैंक से पोस्टबैंक सिस्टम्स को खरीदा है। ऑर्डर बढ़ने के कारण कंपनियों को लगता है कि 2021-22 में 10% से ज्यादा ग्रोथ रहेगी। 

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