आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो देखिए साल में कितना कमीशन आप देते हैं
मुंबई– अगर आप म्यूचुअल फंड में पैसे लगाते हैं तो एक बार आपको इस बात पर जरूर ध्यान देना चाहिए। आप जो भी पैसे निवेश करते हैं उसमें से एक तय हिस्सा म्यूचुअल फंड के एजेंटों के पास चला जाता है। अगर आप यही काम डायरेक्ट करते तो यह कमीशन आपके खाते में रहता और आपको इस पर रिटर्न भी मिलता।
आंकड़े बताते हैं कि साल 2019-20 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने एजेंट्स को कुल 6 हजार 148 करोड़ रुपए का कमीशन दिया। इसमें प्रमुख रूप से एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने 684 करोड़ रुपए, एसबीआई म्यूचुअल फंड ने 665 करोड़ रुपए, निप्पोन लाइफ असेट मैनेजमेंट ने 413 करोड़ रुपए का कमीशन एजेंट्स को दिया। बिरला म्यूचुअल फंड ने 495 करोड़, कोटक म्यूचुअल फंड ने 478 करोड़ और यूटीआई ने 114 करोड़ रुपए का कमीशन दिया।
जिन एजेंट्स या संस्थान को सबसे ज्यादा कमीशन मिला उसमें एनजे इंडिया को 777 करोड़ रुपए का सबसे ज्यादा कमीशन मिला। 415 करोड़ रुपए के साथ एक्सिस बैंक दूसरे नंबर पर रहा। भारतीय स्टेट बैंक को 374 करोड़ रुपए, प्रूडेंट को 229 करोड़, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को 278 करोड़, आईसीआईसीआई बैंक को 185 करोड़ रुपए का कमीशन मिला। एचडीएफसी बैंक को 294 करोड़, एचडीएफसी सिक्योरिटीज को 334 करोड़ रुपए, कोटक महिंद्रा बैंक को 129 करोड़ और आईआईएफएल वेल्थ को 100 करोड़ रुपए का कमीशन मिला।
सेबी ने कुछ साल पहले यह सुविधा निवेशकों को दी थी कि वे म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट निवेश कर सकते हैँ। इस डायरेक्ट निवेश पर उन्हें कोई कमीशन नहीं देना होता है। हालांकि अभी भी सेबी की इस सुविधा का लाभ केवल 15 पर्सेंट निवेशक लेते हैं। हालिया जारी आंकड़ों के मुताबिक, पूरी फंड इंडस्ट्री में 47 पर्सेंट निवेश डायरेक्ट आता है। हालांकि रिटेल सेगमेंट के केवल 15 पर्सेंट ही निवेशक डायरेक्ट निवेश करते हैं। इनका कुल निवेश 14.64 लाख करोड़ है। यानी इंडस्ट्री का 55 पर्सेंट हिस्सा इनके पास है। इंडस्ट्री का कुल एयूएम 28.34 लाख करोड़ रुपए रहा है।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में कुल 9.33 करोड़ फोलियो है। इसमें 90.1% रिटेल निवेशक फोलियो यानी 8.40 करोड़ है। इसके अलावा 84.28 लाख फोलियो HNI का है जबकि 7.85 लाख फोलियो संस्थागत निवेशक का है। रिटेल निवेशकों की होल्डिंग की बात करें तो अक्टूबर 2019 में उनकी होल्डिंग 53.9% थी। इस साल अक्टूबर में यह घट कर 51.7% हो गई है।
इक्विटी में टाप 5 राज्यों की बात करें तो महाराष्ट से सबसे ज्यादा 3.46 लाख करोड़ रुपए आता है। गुजरात से 96,672 करोड़, नई दिल्ली 90,990 से करोड़, कर्नाटक से 83,838 करोड़ और पश्चिम बंगाल से 75,748 करोड़ रुपए म्यूचुअल फंड में आता है। जबकि डेट में महाराष्ट् से 3.82 लाख करोड़, नई दिल्ली से 80,442 करोड़, गुजरात से 69,682 करोड, हरियाणा से 68,803 करोड़ और कर्नाटक से 67,368 करोड़ रुपए आता है।
दरअसल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्यूचुअल फंड में कमीशन की एक सीमा तय कर दी है। यानी जिस स्कीम का जितना एयूएम होगा, उतना कम कमीशन उसमें एजेंट्स को मिलेगा। फिर भी किसी भी स्थिति में 2 पर्सेंट से ज्यादा कमीशन नहीं हो सकता है।

