सिटी ग्रुप ने गलती से कर्जदारों का भर दिया अपनी तिजोरी से कर्जा
मुंबई– सिटीग्रुप इंक ने बुधवार को अपनी आधा बिलियन डॉलर की रकम को वापस हासिल करने के लिए कोर्ट का रुख किया है। सिटी ग्रुप का कहना है कि इसकी गलती से सौंदर्य प्रसाधन कंपनी रेवलॉन इंक के कर्जदाताओं को चुकाने के लिए इसने खुद का ही लगभग 90 करोड़ डॉलर की रकम का इस्तेमाल कर लिया।
मैनहट्टन फेडरल कोर्ट में इस तरह का बड़ा ही दिलचस्प मामला आने से वॉल स्ट्रीट बैंकों और उनके ग्राहकों के साथ रिश्तों में बिल्कुल नया नजरिया देखने को मिल सकता है। इससे अब बैंकों को यह सुनिश्चित करने के बाद ही कोई कदम उठाना चाहिए कि फंड का ट्रांसफर कितना और कैसे हो रहा है।
बात 11 अगस्त की है, जब सिटी बैंक ने रेवलॉन के कर्ज एजेंट के रूप में कार्य करते हुए 7.8 मिलियन डॉलर ब्याज भुगतान के बजाय रेवलॉन के कर्जदाताओं को 893 मिलियन डॉलर का पेमेंट कर दिया। जबकि 200 रेवलॉन उधारदाताओं ने सिटीग्रुप को अपना उधार चुका दिया है। बैंक चाहता है कि ब्रिगेड कैपिटल मैनेजमेंट, एचपीएस इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स और सिम्फनी एसेट मैनेजमेंट सहित हेज फंड और असेट मैनेजर बकाया 501 मिलियन डॉलर वापस कर दें। उनका दावा है कि उन्होंने वही पेमेंट किया जो बकाया था।
सिटीग्रुप ने कहा है कि कर्जदाताओं को प्रीपेमेंट नोटिस नहीं मिली है, और सिटीबैंक के नॉर्थ अमेरिकन लोन प्रमुख विन्सेन्ट फैरेल ने यह प्रमाणित किया कि यदि बैंक का लोन प्रिंसिपल के पूरे पुनर्भुगतान का इरादा था तो उसे भेजना बेहद असामान्य परिस्थिति होगी।
उधारदाताओं के वकील एडम एबेंसोह से पूछताछ के तहत फैरेल सहमत हुए कि ओवर पेमेंट एक “मानवीय गलती” थी। इस बात को चुनौती दी गई थी कि क्या आंतरिक कम्यूनिकेशन में हुई चूक में बैंक से कोई गलती हुई या फिर इसमें अनुशासन का कोई मामला दिख रहा है। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या सिटीग्रुप इस ओवर पेमेंट के लिए जिम्मेदार लोन मैनेजर को ट्रायल तक नौकरी से निकालने के फैसले को टाल रहा है।
अब तक पैसे के ट्रांसफर में शामिल सिटी ग्रुप के कर्मचारियों से और संपत्ति प्रबंधकों के प्रतिनिधियों से गवाही ली गई है। इन लोगों ने रकम वापस करने से इंकार कर दिया है। सिटीबैंक के नॉर्थ अमेरिकन लोन प्रमुख विन्सेन्ट फैरेल उन्होंने कहा कि वह फंड लौटा देंगें। अगर यह साबित हो जाए कि उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया था। फंड को ट्रांसफर करने के लिए अप्रूवर फ्रैटा ने कहा कि वह इस तरह की गलती का पता चलने पर हैरान और अचंभित हैं।