भ्रामक विज्ञापन पर विजन आईएएस पर 11 लाख रुपये का सरकार ने लगाया जुर्माना
मुंबई- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों के संबंध में वेबसाइट पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए विजन आईएएस (अजय विजन एजुकेशन प्रा.लि.) पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मामला 2022 और 2023 के परिणाम से जुड़ा है।
सीसीपीए की आयुक्त और उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया, वेबसाइट पर सीएसई-2023 के लिए लिखा था शीर्ष-10 में 7 और शीर्ष-100 में 79 चयनित। सीएसई-2022 में शीर्ष-50 में 39 छात्र चुने गए थे। इनके साथ सफल उम्मीदवार की फोटो और नाम भी लगाए गए थे। इससे लगता था कि ये सभी टॉपर्स संस्थान के फुल कोर्स वाले छात्र हैं। लेकिन असल में कई तो टेस्ट सीरीज या छोटे कार्यक्रम में थे।
अन्य सफल उम्मीदवारों की जानकारी छिपाई
संस्थान ने शुभम कुमार (यूपीएससी सीएसई-2020 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले) के चुने गए विशिष्ट पाठ्यक्रम अर्थात जीएस फाउंडेशन बैच (कक्षा छात्र) का खुलासा तो किया, लेकिन जानबूझकर अन्य सफल उम्मीदवारों के चुने गए पाठ्यक्रमों की जानकारी छिपा दी। इनके नाम और तस्वीरें उसी वेबपेज पर उनके साथ प्रदर्शित की गई थीं। इससे यह भ्रामक धारणा बनी कि शेष उम्मीदवार भी जीएस फाउंडेशन बैच कक्षा पाठ्यक्रम में नामांकित थे।
सिर्फ तीन उम्मीदवारों ने लिया दाखिला
सीसीपीए ने पाया कि संस्थान ने यूपीएससी सीएसई-2022 और 2023 में 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया था। हालांकि, केवल तीन उम्मीदवारों ने फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया था। शेष 116 उम्मीदवारों ने प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए टेस्ट सीरीज और मॉक इंटरव्यू प्रोग्राम जैसी सेवाओं का विकल्प चुना था।
अब तक 1.09 करोड़ का दंड
अब तक सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए 57 नोटिस जारी किए हैं। 28 कोचिंग संस्थानों पर 1.09 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। उन्हें इस तरह के भ्रामक दावों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।

