होम लोन में सरकारी बैंकों ने 50 फीसदी हिस्से के साथ निजी बैंकों को पीछे छोड़ा

मुंबई- सितंबर में प्रतिस्पर्धी होम लोन बाजार में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी बढ़कर कुल ऋणों के मूल्य के हिसाब से 50 प्रतिशत हो गई है। सरकारी बैंकों ने इस मामले में निजी क्षेत्र के बैंकों को पीछे छोड़ दिया है। क्रिफ हाई मार्क के अनुसार, कुल होम लोन में से लगभग 40 प्रतिशत लोन 75 लाख रुपये से अधिक के उच्च वर्ग में थे। रिपोर्ट के अनुसार, सक्रिय ऋणों की संख्या केवल 3.3 प्रतिशत बढ़कर 2.29 करोड़ हो गई। यह प्रति ऋण औसत जोखिम में वृद्धि को दर्शाता है।

रिटेल सेगमेंट में सबसे बड़ा होम लोन क्षेत्र सितंबर के अंत तक सालाना आधार पर 11.1 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 2.1 प्रतिशत बढ़कर 42.1 लाख करोड़ रुपये हो गया। समग्र उपभोग ऋण में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 109.6 लाख करोड़ रुपये हो गया। गोल्ड लोन में तेजी से वृद्धि ने इस सेगमेंट को आगे बढ़ाया।

सरकारी बैंकों ने मूल्य और पहुंच दोनों ही मामलों में अपनी बाजार स्थिति को मजबूत किया है। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और जनसंख्या वर्गों में वित्तीय समावेशन को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। हालांकि, सुस्त मांग और मौसमी कारकों के कारण उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के क्षेत्र में वृद्धि दर सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत रही। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मामले में 31-180 दिनों के बीच के उपभोग ऋणों के अनुपात में सुधार हुआ है। यह सितंबर में 3 प्रतिशत हो गया जबकि जून में यह 3.1 प्रतिशत और एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 3.3 प्रतिशत था।

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