टैरिफ के चलते अमेरिकी खरीदारों ने भारत का ऑर्डर रद्द करना शुरू किया
मुंबई- अमेरिका द्वारा 1 अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने के ऐलान से भारतीय निर्यातकों में गहरी चिंता पैदा हो गई है। इसके साथ ही, रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद पर संभावित ‘पेनल्टी’ की अनिश्चितता ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। कई अमेरिकी खरीदारों ने ऑर्डर रद्द करना या फिलहाल रोकना शुरू कर दिया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने बताया कि उद्योग जगत को अभी अमेरिकी कार्यकारी आदेश का इंतजार है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि टैरिफ और पेनल्टी किस रूप में और कितनी लगेगी। उन्होंने बताया, “मैं खुद एक निर्यातक हूं, और मेरे कई अमेरिकी खरीदारों से ऑर्डर रद्द करने के ईमेल आने लगे हैं। स्थिति वाकई चिंता का विषय है।”
प्लास्टिक उत्पादों के निर्यातक अरविंद गोयनका ने कहा, “वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों पर कम आयात शुल्क लगता है, जिससे भारत की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति कमजोर होती जा रही है। अगर 25% टैरिफ के ऊपर पेनल्टी भी लगेगी, तो अमेरिकी खरीदार भारत से माल लेना बंद कर देंगे।”
अगर ये शुल्क लागू हो गए, तो करीब 60 प्रतिशत ऑर्डर रद्द हो सकते हैं। अमेरिकी खरीदार स्थिति साफ होने तक इंतजार कर रहे हैं, जिससे बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। व्यापारी और निर्यातक समुदाय को उम्मीद है कि भारत और अमेरिका जल्द ही एक अंतरिम व्यापार समझौते पर पहुंचेंगे, जिससे 25 प्रतिशत टैरिफ और पेनल्टी हटाई जा सकेगी।