चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर बना नंबर वन राज्य
मुंबई- चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने महाराष्ट्र को पीछे छोड़ दिया है। चालू सीजन में उत्तर प्रदेश में कुल 107.29 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि महाराष्ट्र में 105.30 लाख टन का उत्पादन हुआ है। हालांकि, यूपी में 118 चीनी मिलों की तुलना में महाराष्ट्र में 210 चीनी मिलें इस दौरान परिचालन में थीं।
उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिलों को मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा, उत्तर प्रदेश अब चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र से आगे हो गया है। उत्तर प्रदेश में 28.53 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती हुई थी जो देश में किसी भी राज्य से ज्यादा है। महाराष्ट्र में इसका आधा यानी 14.87 लाख हेक्टेयर में ही खेती हुई थी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुल 2,348 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था, जबकि महाराष्ट्र में 1,413 लाख टन का उत्पादन हुआ था। गन्ने की पेराई का सीजन अक्तूबर से जून के बीच होता है। 2022-2023 सीजन में यूपी में चीनी मिलों की कुल गन्ने की पेराई 1,084.57 लाख टन थी, जबकि महाराष्ट्र में यह 1,053 लाख टन थी।
चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 19.84 लाख टन चीनी का उपयोग इथेनॉल के लिए हुआ जबकि महाराष्ट्र में 15.70 लाख टीनी का उपयोग हुआ है। हालांकि, चीनी मिलों की संख्या में यूपी काफी पीछे है। यहां पर कुल 157 चीनी मिलें हैं जिसमें से 118 परिचालन में हैं। जबकि महाराष्ट्र में 246 मिलों में 210 परिचालन में हैं।
मंत्री ने कहा कि 2022-23 में किसानों को 28,494 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसमें से 80 चीनी मिलें ऐसी हैं जिनका पूरा भुगतान एक हफ्ते के भीतर किया गया है। पिछले छह वर्षों में चीनी मिलों को कुल 2.11 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। पिछली सरकार में कुल 12 चीनी मिलों को बेच दिया गया और 18 को बंद कर दिया गया। जबकि हमारी सरकार ने मिलों की क्षमता बढ़ाने के साथ कुछ नई मिलों को भी चालू किया गया है।