कॉइन-डीसीएक्स के अकाउंट से हैकर्स ने 380 करोड़ चुराए, कंपनी बोली पैसे सेफ
मुंबई-भारत के एक बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइन डीसीएक्स से हैकरों ने करीब 380 करोड़ रुपए चुरा लिए। घटना 19 जुलाई की है, जब हैकर्स ने कंपनी के एक इंटरनल ऑपरेशनल अकाउंट को निशाना बनाया। हालांकि कॉइन DCX ने कहा है कि ग्राहकों के फंड पूरी तरह सुरक्षित हैं और नुकसान की भरपाई कंपनी अपनी ट्रेजरी रिजर्व से करेगी। इस घटना ने क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट के रिस्क और सिक्योरिटी थ्रेट को फिर से उजागर कर दिया है।
हैकर्स ने कॉइन DCX के पार्टनर एक्सचेंज पर मौजूद एक ऑपरेशनल अकाउंट तक अनधिकृत पहुंच हासिल की। ये अकाउंट ग्राहकों के पैसे रखने वाला नहीं था। ये वो खाता था जिसे कॉइन DCX अपने पार्टनर एक्सचेंज के साथ ट्रेडिंग और लिक्विडिटी के लिए इस्तेमाल करता था। हैकर्स ने फंड ट्रांसफर करने और ट्रेसिंग को मुश्किल बनाने के लिए 3 तरीके अपनाए।
टॉरनेडो कैश : ये ट्रांजैक्शंस को इतना जटिल कर देता है कि कोई ये नहीं बता सकता कि पैसा किस वॉलेट से किस वॉलेट में गया। लोग इसका इस्तेमाल अपनी प्राइवेसी बचाने के लिए करते हैं, लेकिन हैकर्स इसे चुराए हुए पैसे छिपाने के लिए भी यूज करते हैं।
क्रिप्टो ब्रिज: हैकर्स ने सोलाना-एथेरियम ब्रिज का इस्तेमाल किया। ये एक डिजिटल “पुल” की तरह है, जो सोलाना और एथेरियम ब्लॉकचेन को जोड़ता है। इसके जरिए आप सोलाना पर मौजूद क्रिप्टो (जैसे SOL या USDC) को एथेरियम ब्लॉकचेन पर ट्रांसफर कर सकते हैं।
मल्टीपल वॉलेट: एक ही व्यक्ति या ग्रुप के पास कई सारे क्रिप्टो वॉलेट्स होना। क्रिप्टो की दुनिया में वॉलेट एक तरह का डिजिटल “पर्स” होता है, जिसमें आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, सोलाना) रखते हैं। इस मामले में हैकर्स ने फंड को कई अलग-अलग वॉलेट में बांटा ताकि ट्रैकिंग और मुश्किल हो।
हैकर्स ने चुराए गए फंड्स को सोलाना ब्लॉकचेन पर मौजूद अपने वॉलेट में ले लिया। इसके बाद इन फंड्स को एथेरियम ब्लॉकचेन पर ट्रांसफर करना शुरू किया। ऐसा इसलिए, क्योंकि एथेरियम पर टॉरनेडो कैश जैसे मिक्सर का इस्तेमाल करना आसान है और ये उनकी चोरी को छिपाने में मदद करता है। इसके बाद फंड को टॉरनेडो कैश से रूट किया गया। इस ट्रांसफर को हैकर्स ने छोटे-छोटे हिस्सों में किया, ताकि ज्यादा ध्यान न खींचे।