पहली छमाही में रियल एस्टेट में आया 3 अरब डॉलर का संस्थागत निवेश
मुंबई- सालाना आधार पर बिक्री 15 प्रतिशत फीसदी घटने के बावजूद भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में 2025 की पहली छमाही में तीन अरब डॉलर का संस्थागत निवेश आया है। कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही में 1.7 अरब डॉलर का मजबूत निवेश आया, जो पहली तिमाही से लगभग 30 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह निवेश वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच रियल एस्टेट के लचीलेपन को दर्शाता है। घरेलू निवेशकों ने 1.4 अरब डॉलर का निवेश किया जो पहली छमाही की तुलना में 53 फीसदी अधिक है और कुल निवेश का 48 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि भारतीय संस्थागत निवेशक मुख्य परिसंपत्ति वर्गों में रियल एस्टेट गतिविधि को आगे बढ़ाने में अधिक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, जैसे-जैसे घरेलू पूंजी बढ़ती और विविधीकृत होती जा रही है, यह भारत के परिपक्व होते रियल एस्टेट इकोसिस्टम में अधिक स्थिरता और लंबे समय का विश्वास लाने के लिए तैयार है। खासकर जब विदेशी निवेश 39 प्रतिशत घटकर 1.6 अरब डॉलर रह गया, फिर भी यह कुल निवेश का 52 प्रतिशत रहा।
परिसंपत्ति वर्गों में आवासीय अचल संपत्ति 0.8 अरब डॉलर या पहली छमाही में कुल निवेश का 27 प्रतिशत के साथ सबसे आगे रही। कार्यालय परिसंपत्तियां 24 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। मिश्रित उपयोग वाली परिसंपत्तियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो पहली छमाही में 7 प्रतिशत से बढ़कर दूसरी छमाही में 20 प्रतिशत से अधिक हो गई।
मुंबई और बंगलूरू क्रमशः 22 प्रतिशत और 17 प्रतिशत निवेश के साथ पहली छमाही में शीर्ष पर रहे। मुंबई में ज्यादातर सौदे ऑफिस के हुए। बंगलूरू में कार्यालय और आवासीय दोनों क्षेत्रों का मिला-जुला निवेश रहा। कोलकाता में बड़े पैमाने पर खुदरा लेनदेन के कारण पहली छमाही में 13 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही।