आईपीओ: 6 महीने का टूटा रिकॉर्ड, 8 कंपनियों ने जुटाए 17,688 करोड़ रुपये
मुंबई- सेकेंडरी बाजार में अच्छी तेजी के बाद प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ ने रफ्तार पकड़ ली है। बीएसई सेंसेक्स जहां अक्तूबर के बाद पहली बार 84,000 के करीब पहुंचा है, वहीं आईपीओ बाजार ने छह महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जून में 8 कंपनियों ने 17,688 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इससे पहले दिसंबर, 2024 में 26,021 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।
इस महीने के पहले 12 दिन तक एक भी आईपीओ नहीं आया है। 15 दिन में 8 कंपनियां बाजार में उतर गईं। सबसे बड़ा 12,500 करोड़ का इश्यू एचडीबी फाइनेंशियल का रहा। जुलाई भी अच्छा दिख रहा है। दो और तीन जुलाई को दो कंपनियां 2,860 करोड़ जुटाने के लिए बाजार में उतरेंगी।
इस साल मुख्य प्लेटफॉर्म पर 24 कंपनियों ने बाजार से 45,374 करोड़ जुटाए। हालांकि, मार्च और अप्रैल में केवल एक कंपनी ही लिस्ट हुई थी। छोटी और मझोली कंपनियां यानी एसएमई आईपीओ में भी तेजी बनी हुई है। इस साल अब तक कुल 100 कंपनियों ने 4,395 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
इस साल अब तक जो भी इश्यू आए हैं, उनमें बड़े आईपीओ से खुदरा निवेशकों ने दूरी बना ली है। 800 करोड़ से ऊपर वाले इश्यू देखें तो कल्पतरू का इश्यू 2.31 गुना भरा था। खुदरा निवेशकों का हिस्सा केवल 0.76 फीसदी भरा। एलनबैरी के 17 गुना में खुदरा निवेशकों का हिस्सा 2.91 फीसदी रहा। ओसवाल पंप को कुल 34 गुना में खुदरा का हिस्सा 3.60 गुना व एजिस के 2.20 गुना में खुदरा का केवल 0.81 फीसदी हिस्सा भरा।
निवेशकों की नजर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के आईपीओ पर है। यह भारतीय आईपीओ की जननी है। हाल में सेबी चेयरमैन तुहिनकांत पांडे ने कहा था, एनएसई के आईपीओ में सेबी की ओर से अब कोई बाधा नहीं है। सूत्रों ने बताया, एनएसई ने को-लोकेशन और डार्क फाइबर मामले में 1,388 करोड़ में सेबी को सेटलमेंट का ऑफर दिया है। एनएसई का मूल्य 6 लाख करोड़ आंका गया है। इस आधार पर अगर यह 10 फीसदी भी हिस्सा बेचता है तो आईपीओ रिकॉर्ड 60,000 करोड़ का हो सकता है। संस्थागत और हाई नेटवर्थ के साथ खुदरा निवेशकों में इसके शेयर की जबरदस्त मांग है। मई में इसका शेयर गैर सूचीबद्ध बाजार में 1,500 रुपये पर था जो अब 2,500 रुपये पर आ गया है।
प्राइम डाटाबेस के एमडी प्रणव हल्दिया कहते हैं कि आईपीओ बाजार सेकेंडरी बाजार पर निर्भर होता है। अक्तूबर से लेकर मार्च तक शेयर बाजार में गिरावट रही थी, जिससे आईपीओ बाजार भी थम गया था। अप्रैल से जैसे ही बाजार ने तेजी भरी, आईपीओ में भी तेजी आने लगी है। उम्मीद है कि आईपीओ और बाजार का यह तेजी का रुझान आगे भी जारी रहेगा, क्योंकि ट्रंप की टैरिफ, भारत-पाक और ईरान-इस्राइल जैसे संकट अब सुलझ रहे हैं।
प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, इस साल अब तक 105 कंपनियों ने 1.45 लाख करोड़ जुटाने के लिए सेबी के पास मसौदा जमा कराया है। इसमें से 67 कंपनियों को मंजूरी मिली हैं जिनकी कुल रकम 1.23 लाख करोड़ रुपये है।